कबीरधाम (कवर्धा)

*भावना बोहरा ने पंडरिया में मिलेट कैफे खोलने की मांग की, कहा महिला सशक्त होगी तो समाज भी प्रगति करेगा*

छत्तीसगढ उजाला

 

कबीरधाम (छत्तीसगढ उजाला)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज महिला एवं बाल विकास विभाग पर चर्चा के दौरान पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने अपनी बात सदन के समक्ष रखा। उन्होंने वर्तमान में महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र व छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा किये जा रहे सार्थक प्रयासों, योजनाओं एवं उनके सशक्तिकरण हेतु संचालित योजनाओं पर विस्तार से अपनी बात रखी और कहा कि छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी और भाजपा सरकार कितनी संवेदनशील है इस बात का अनुमान वर्ष 2024-25 के बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग हेतु किये गए 5,683 करोड़ रुपये के बजट से लगाया जा सकता है। पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा 2675 करोड़ का बजट आवंटन किया गया था जिसके मुकाबले इस वर्ष हमारी सरकार ने लगभग दोगुना बजट प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व सुपोषण के लिए किया गया है, यही है छत्तीसगढ़ में सुशासन का सूर्योदय।

भावना बोहरा ने कहा कि यह मेरे लिए गौरव का क्षण है कि अपने पंडरिया क्षेत्र की महिलाओं की बात मुझे प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में रखने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि पंडरिया विधानसभा की बहुत सी माताएं बहनें हैं जो आज अपने परिवार की मुखिया होने का दायित्व निभा रहीं हैं। हमारी स्वसहायता समूह की बहनें भी विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृह कार्य कर रहीं हैं। ऐसे में उन्हें प्रोत्साहित करना और उनके लिए रोजगार के नए अवसर दिलाने हेतु पंडरिया में गढ़ कलेवा की तर्ज पर मिलेट कैफे खोलने की मांग करती हूं जिसका संचालन स्व-सहायता समूह की महिलाएं करेंगी।

उन्होंने आगे कहा कि इस मिलेट कैफे का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के लोक व्यंजनों को मोटे अनाज में उपलब्ध करवाना होगा जैसे की रागी दोसा, ज्वार रोटी आदि। इसमें महिला स्व-सहायता समूह की भागीदारी से सीधे तौर पर क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक लाभ मिलेगा साथ ही मोटे अनाज उगाने वाले किसानों को भी फायदा होगा।

बिजली से पानी और स्वच्छता से समृद्धि तक हर जगह प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने नारी को वह सम्मान दिलाने का काम किया है जिनकी वह सच्ची अधिकारी थी। और आज जब छत्तीसगढ़ में माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी की सरकार बनी है तब महिलाओं को सम्मान भी मिल रहा है और उनके सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन का वरदान भी मिल रहा है। हम छत्तीसगढ़ को अपनी महतारी कहते हैं और पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ महतारी के नाम पर केवल उनकी उम्मीदों और विश्वास का उपहास करने वालों ने छत्तीसगढ़ की महतारी, छत्तीसगढ़ की बहनों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया था। लेकिन अब वह काला दौर बीत चुका है, अब प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होने की राह पर चल पड़ी हैं और मुझे विश्वास है कि अब यह सशक्तिकरण का रथ किसी कच्ची सड़क के गड्ढे में फंसने वाला नहीं है।यह महतारी वंदन योजना तो पहला कदम है जिसने महिलाओं को प्रगति के वह पंख दिए हैं।

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