*मुनगाडीह पंचायत में अनियमितताओं के तले मूलभूत सुविधाएं ठप… धरातल पर पचरी निर्माण अधूरा और कागजों पर पूरा कर निकाल लिए 1.24 लाख रुपये, 25 फीसदी भी नही कराया कार्य* *भ्रष्ट्र मामले संज्ञान में आने के बाद भी जांच कार्यवाही में रुचि नही दिखाते संबंधित अधिकारी*
छत्तीसगढ़ उजाला
कोरबा/पाली (छत्तीसगढ़ उजाला)। पाली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मुनगाडीह में सरपँच- सचिव ने पचरी निर्माण के नाम पर खानापूर्ति कर 1.24 लाख रुपये को एक वर्ष पहले ही आहरण कर गबन कर लिया। इस बात खुलासा तब हुआ जब आनलाईन पोर्टल में पचरी निर्माण के कार्य पूर्ण और आहरित राशि की सच्चाई जानने इस पंचायत के आश्रित आवास मोहल्ला के रामसागर तालाब जाकर पता किया गया तो वहां पचरी निर्माण के नाम पर महज 25 फीसदी निर्माणाधीन काम दिखा तथा मोहल्ला के निवासियों ने बताया कि पचरी निर्माण का कार्य 3- 4 दिवस चलने पश्चात अधूरा छोड़ दिया गया है।
आपके बता दे कि ग्राम पंचायत मुनगाडीह में सरपंच रामानंद उइके और सचिव द्वारा आवासपारा, धनुहार मोहल्ला स्थित रामसागर तालाब में पचरी निर्माण का 1.24 लाख रुपये राशि को आहरण कर एक वर्ष पूर्व बंदरबाट कर लिया गया है। जब आनलाईन तरीके से इस निर्माण की जानकारी चाही गई तब पता चला कि रिचार्ज बाउचर की तिथि 10 मई 2022 को 01 लाख व 1 अक्टूबर 2022 को 24 हजार की राशि 15वें वित्त मद आयोग से निकाली गई है। जबकि काम 25 फीसदी भी पूर्ण नही कराया गया है और राशि हजम कर ली गई। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत में तानाशाही पूर्वक सरपंची चलाया जा रहा है। मनमाने तरीके से जो जी मे आ रहा किया जा रहा है। मूलभूत आवश्यकताओं को नजर अंदाज कर अपना जेब भरने में सरपंच- सचिव लगे हुए है। वही अनेक निर्माण के नाम पर भी मूलभूत, 14वें, 15वें वित्त मद से लाखों की राशि आहरण किया गया है। जबकि धरातल पर काम नही दिख रहा। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। नाली, पचरी निर्माण व पेयजल व्यवस्था की आड़ में लाखों का वारा न्यारा किया गया है परंतु जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नही दिया इसी कारण से भ्रष्ट्राचार का इबारत लिखने में सरपंच- सचिव कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है और सम्बंधित अधिकारी मौन रहना जरूरी समझ रहे है। जिसके कारण कागजो में निर्माण कार्य दिखा कर लाखों रुपये का राशि आहरण कर बंदरबांट किया जा रहा है। सरपंच- सचिव द्वारा इस निर्माण की आड़ में राशि गबन के पूर्व पंचायत भवन मरम्मत के नाम पर 1.50 लाख 15वें वित्त से महीनों पहले निकाल लिया जबकि मौके पर आज पर्यन्त किसी भी तरह का मरम्मत कार्य तो क्या ढंग से पोताई कार्य भी नही कराया गया। जिसे “ढंग से कभी पोताई भी नही हुआ और पंचायत भवन मरम्मत के नाम पर निकाले डेढ़ लाख, भवन फिर भी जर्जर” शीर्षक के साथ बीते दिनों खबर प्रसारित किया गया था। किन्तु भ्रष्ट्राचार के मामले जनपद अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी जांच करने में कोई रुचि नही दिखा रहे है और पाली विकासखण्ड के अनेक ऐसे पंचायतों के भ्रष्ट्र मामले उजागर किये गए है जिन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे लगातार भ्रष्ट्रचार में लिप्त सरपंच- सचिव के हौसले बुलंद हो रहे है। ऐसे में संबंधित नौकरशाहों के कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगता है। बहरहाल इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने सरपंच रामानंद से मोबाइल फोन पर संपर्क साधा गया किन्तु उनका फोन स्वीच आफ आया।