बिलासपुर

बहुचर्चित सिध्दांत नागवंशी खुदकुशी मामले में होटल कारोबारी दीपेश चौकसे की ज़मानत अर्जी खारिज

छत्तीसगढ़ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। बिलासपुर पुलिस ने बहुचर्चित सिध्दांत नागवंशी खुदकुशी मामले में घटना के करीब 919 दिन बाद प्रकरण के मुख्य सूत्रधार बताए गए होटल कारोबारी दीपेश चौकसे को तीन दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट के आदेश से दर्ज एफआईआर के बाद गिरफ्तार दीपेश चौकसे की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश राजभान सिंह ने निरस्त कर दी है। सिद्धांत खुदकुशी मामले को लेकर बिलासपुर पुलिस को पूर्व में हाईकोर्ट की कड़ी फटकार भी सुननी पड़ी थी। ज्ञात हो कि, इंजीनियरिंग के छात्र सिद्धांत नागवंशी ने 11 जनवरी 2022 को खुदकुशी की थी…। खुदकुशी को लेकर लगातार यह आरोप लगे कि, बिलासपुर के भू माफिया अकबर खान, होटल कारोबारी दीपेश चौकसे, पूर्व पार्षद समेत अन्य के दबाव और प्रताड़ना की वजह से सिद्धांत ने आत्महत्या की।

यह था पूरा मामला:

शहर के इस बहुचर्चित मामले में कांग्रेस नेता अकबर खान ने विवादित जमीन को मीनाक्षी बंजारे से अपने कर्मचारी सिद्धांत नागवंशी के नाम से खरीदने का एग्रीमेंट किया था। जब यह जमीन विवादित निकली। तो अकबर खान, शिबू ऊर्फ फैजान और दीपेश चौकसे ने सिद्धांत को मीनाक्षी बंजारे से पैसा वापस लेने के लिए प्रताड़ित किया। मीनाक्षी बंजारे ने सिद्धांत को पैसा लौटाने से मना कर दिया, जिसके चलते सिद्धांत ने आत्महत्या कर ली।

सिद्धांत की आत्महत्या के बाद उसके माता-पिता ने लगातार पुलिस और मंत्रियों के चक्कर काटे, लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने में हिचकिचाहट दिखाई। निराश होकर सिद्धांत के माता-पिता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने तत्कालीन सीएसपी आइपीएस संदीप पटेल को जमकर फटकार लगाई और अकबर खान, दीपेश चौकसे, मीनाक्षी बंजारे और शिबू ऊर्फ फैजान के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए। उसके बाद भी पुलिस अपराध दर्ज करने में हिचकिचाती रही, लेकिन भाजपा के सत्ता पर आते ही पुलिस अलर्ट मोड में आ गई और आरोपितों पर कार्रवाई शुरू कर दी।

राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद नए पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की। पुलिस ने कारोबारी दीपेश चौकसे को रायपुर से गिरफ्तार किया, कोर्ट में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश राजभान सिंह ने पुलिस की विवेचना पूर्ण नहीं होने और अन्य आरोपितों के फरार होने का हवाला देते हुए दीपेश चौकसे की जमानत याचिका खारिज कर दी।

कौन है होटल व जमीन कारोबारी दीपेश चौकसे:

दीपेश चौकसे शहर के बड़े होटल का संचालक और जमीन कारोबारी है। उसका व्यापार कई शहरों में फैला हुआ है। अकबर खान, दीपेश चौकसे का पैसा विवादित जमीनों में लगाता था। दीपेश चौकसे को कई कांग्रेसी नेताओं का संरक्षण मिला हुआ था। जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान भी बड़ी संख्या में शहर के कांग्रेसी जिला न्यायालय में सारा दिन जमे रहे।

आत्महत्या मामले में पूर्व पार्षद तैयब हुसैन भी आरोपित है, वह अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई। बताया जा रहा कि वह शहर में ही है और लगातार ठिकाने बदल रहा है।

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