बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। सिविल लाइन क्षेत्र के मिनोचा कालोनी में बिजली सुधार रहे लाइनमैन करंट की चपेट में आ गए। करंट लगने से लाइनमैन खंभे से गिर गए। इससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं, साथी जब तक उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचते उनकी मौत हो गई थी। घटना की सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पीएम के बाद शव स्वजन के हवाले कर दिया गया है।
सरकंडा के चांटीडीह पटवारी प्रशिक्षण केंद्र के पास स्थित श्लोक विहार में रहने वाले गौतम भोई(45) बिजली विभाग में सहायक लाइनमैन थे। उनकी ड्यूटी नेहरू नगर में जोन में थी। शुक्रवार की रात 12 बजे से शनिवार की सुबह आठ बजे तक उनकी ड्यूटी थी। शनिवार की सुबह उनके पास काल आया कि मिनोचा कालोनी में बिजली गुल है। शिकायत पर वे मिनोचा कालोनी में बिजली सुधारने के लिए गए थे। साथियों के साथ मौके पर पहुंचकर वे खंभे पर चढ़ गए। इसी दौरान उन्हें करंट का झटका लगा। इससे वे अनियंत्रित होकर खंभे से नीचे गिर गए। ऊंचाई से गिरने के कारण उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। साथियों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया। साथ ही घटना की जानकारी विभाग के अधिकारियों को दी। इधर डाक्टरों ने सहायक लाइनमैन को मृत घोषित कर शव चीरघर भेज दिया। घटना की सूचना पर सिविल लाइन पुलिस ने शव का पीएम कराया है।
विभाग के सहायक लाइनमैन की मौत की सूचना पर साथी कर्मचारी सिम्स पहुंच गए। इधर घटना की जानकारी होने के बाद भी विभाग के अधिकारी गायब रहे। दोपहर तक विभाग के अधिकारी सहायक लाइनमैन के स्वजन को ढांढस तक बंधाने नहीं पहुंचे। परिवार वालों की मदद से स्वजन किसी तरह शव लेकर घर गए। शाम को उनका अंतिम संस्कार तोरवा स्थित मुक्तिधाम में किया गया।
साथियों ने कहा- दस्ताने उतार दिए इसके बाद लगा करंट, स्वजन ने कहा- सुरक्षा उपाय नहीं थे
नेहरू नगर जोन के अधीक्षण यंत्री पीके साहू ने बताया कि सहायक लाइनमैन गौतम के साथ काम पर गए कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। कर्मचारियों ने बताया कि सहायक लाइनमैन अपने साथ दस्ताने लेकर खंभे पर चढ़े थे। उन्होंने बिजली बंद होने की बात कहते हुए दस्ताने उतार दिए। इसी दौरान उन्हें बिजली का झटका लगा। पीएम रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगा कि उन्हें करंट लगा था या किसी अन्य कारण से वे ऊंचाई से गिरे।
घटना की सूचना पर सहायक लाइनमैन के स्वजन और साथी कर्मचारी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में स्वजन ने कहा कि विभाग की ओर से कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते। इसके कारण कर्मचारियों की जान पर खतरा बना रहता है। शनिवार की सुबह भी इसकी कारण से गौतम की जान चली गई। ऊंचाई पर चढ़ने के दौरान जरूरी सुरक्षा उपकरण होने पर इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि आमतौर पर वे सब-स्टेशन से बिजली बंद कराने के बाद ही खंभे पर चढ़ते हैं। शनिवार को भी सब-स्टेशन से बिजला बंद कराया गया था। इसी के बाद गौतम खंभे पर चढ़े। ऊपर चढ़ने के बाद उन्होने तार को छूकर देखा भी। करंट नहीं होने पर उन्होंने दस्ताने उतार दिए। कर्मचारियों ने बताया कि कई बार घरों में लगे इन्वर्टर से रिटर्न करंट भी खंभे में लगे तार पर आ जाता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि किसी मकान के इन्वर्टर से रिटर्न करंट आया होगा। इसी झटके से वे अनियंत्रित हो गए होंगे। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।