विस चुनाव 2023 छत्तीसगढ़ : भाजपा की सेंध नहीं भांप सकी सत्ता, कर्जमाफी जैसी रेवड़ियां बांटने निकली कांग्रेस को जनता ने नकारा
छत्तीसगढ़ उजाला
रायपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। कर्जमाफी जैसी रेवड़ियां बांटकर मतदाताओं का भरोसा जीतने निकली कांग्रेस को जोर का झटका लगा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं को यही भरोसा था कि मतदाताओं के आगे रेवड़ियों की झड़ी लगाकर वे भाजपा की किलेबंदी को भेद लेंगे। मगर, कमजोर रणनीति के चलते भाजपा की ओर से उठाए गए भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, विकास, हिंदुत्व और धर्मांतरण जैसे मुद्दे दरकिनार करते गए। यही नहीं, चुनाव जैसे नाजुक दौर में भी पार्टी सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बैठाने में नाकामयाब साबित हुई।
“मोदी की गारंटी” के जरिये भाजपा खुद को कांग्रेस से बेहतर विकल्प साबित करने में कामयाब हुई। पार्टी की इस सफलता के पीछे संघ की भी सक्रिय भूमिका रही। पिछले चुनाव में शहरी इलाकों तक सीमित हुई पार्टी को गांवों में बूथ स्तर तक मजबूती दी। छत्तीसगढ़ में इस बार महिला मतदाताओं की संख्या भी पुरुषों की तुलना में लगभग सवा लाख अधिक थी।
इसे देखते हुए पार्टी ने मध्यप्रदेश की लाडली बिटिया की तर्ज पर महतारी वंदन योजना के तहत सालाना 12 हजार रुपये की गारंटी का वादा कर महिलाओं मतदाताओं को साधा। महिलाओं को इस योजना से भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए उनके फार्म भी भरवाए। शराबबंदी को लेकर कांग्रेस की वादाखिलाफी से पहले से नाराज महिलाओं ने भी इसे हाथोंहाथ लिया। हालांकि, दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले कांग्रेस ने मातृवंदन के मुकाबले गृहलक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को सालाना 15 हजार रुपये देने का वादा तो किया, पर तब तक बहुत देर हो चली थी।
प्रदेश में भाजपा की प्रचंड विजय पर हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक परिश्रम और कुशल नेतृत्व के लिए हृदय से आभारी हूं। आज हमारे संकल्प पत्र ‘मोदी की गारंटी’ और प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्रीय नेताओं के वादों पर जनता ने विश्वास जताकर विजय तिलक किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यह जीत छत्तीसगढ़ के एक-एक व्यक्ति की जीत है।
– डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (एक्स पर पोस्ट)