राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की अखिल भारतीय वार्षिक बैठक रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय परिसर में शुक्रवार सुबह नौ बजे से शुरू हो गई. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के मार्गदर्शन में संघ अपनी वार्षिक कार्य योजना तैयार करेगा.
बैठक में वर्ष 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी मंथन होगा. पहले दिन की बैठक पांच सत्रों में आयोजित होगी. इन सत्रों में चर्चा के लिए गुरुवार को ही संघ की बैठक में विषय निर्धारित कर लिए गए थे. सूत्रों के अनुसार, बैठक में झारखंड के संथाल परगना इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण बदलती जनसांख्यिकी पर भी चर्चा हो सकती है.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाली बैठक में संगठनात्मक विस्तार की योजनाओं पर चर्चा होगी. इस समय देश में संघ की 73 हजार शाखाएं हैं और हमारा लक्ष्य उसे बढ़ाकर एक लाख तक ले जाने का है. देशभर में 10-15 गांवों के समूह पर मंडल स्तरीय संगठन बनाए जाने की योजना है.
सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान मई-जून में संघ के विभिन्न प्रांतों में हुए आरएसएस प्रशिक्षण शिविरों की भी समीक्षा की जानी है. पूरे देश में संघ की संगठन योजना के तहत 46 प्रांत हैं, जहां के प्रचारक पूर्णकालिक संघ कार्यकर्ता होते हैं और संगठनात्मक प्रांतों के प्रभारी होते हैं. बैठक में संघ के सभी सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, सीआर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार, अतुल लिमये, सभी 46 प्रांतों के प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य, संघ की छह प्रमुख गतिविधियों-कार्यक्रमों के संयोजक एवं सहसंयोजक, सभी क्षेत्र प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख और उनके सहयोगी उपस्थित हैं.
इसके अलावा संघ की विचारधारा वाले कुछ प्रमुख संगठनों के संगठन मंत्री भी बैठक में भाग ले रहे हैं. इस बैठक के बाद भी संघ प्रमुख मोहन भागवत 19 जुलाई तक रांची में प्रवास करेंगे. इस दौरान वे संघ की विचारधारा वाले संगठनों से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के साथ विमर्श करेंगे.