
बिलासपुर(छत्तीसगढ़ उजाला)-छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ एवं समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ की चार सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को 12वें दिन भी जारी रही। संभागीय स्तर पर लगातार धरना-प्रदर्शन के बावजूद शासन स्तर पर अब तक ठोस सहमति न बनने से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
गुरुवार को हड़ताली कर्मचारियों ने बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संघर्ष और मांगों को विस्तार से रखा। महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों और 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से लगभग 15 हजार कर्मचारी किसानों को सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन वर्षों से इन्हें नियमित वेतन और आवश्यक सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं।
मुख्य मांगें
वर्ष 2023-24 और 2024-25 की धान खरीदी में हुई सुखत राशि का भुगतान समितियों को दिलाना
परिवहन के बाद मिलने वाली संपूर्ण सुखत राशि समितियों को प्रदान करना
आउटसोर्सिंग प्रणाली समाप्त कर कंप्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण
मध्यप्रदेश की तर्ज पर 3 लाख रुपए वार्षिक प्रबंधकीय अनुदान एवं उचित वेतनमान प्रदान करना
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक, तथा अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्रों के बाद भी उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे धान खरीदी कार्य से स्वयं को अलग कर हड़ताल को और उग्र करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकलव्य चंद्रा (जिला अध्यक्ष सक्ति), रूद्रदत्त तिवारी (महासचिव बिलासपुर संभाग), भोलाराम यादव (जिला अध्यक्ष मुंगेली), कमलकांत पाटनवार (जिला अध्यक्ष सहकारी समिति बिलासपुर), विद्याशंकर यादव तथा मीनाक्षी यादव (प्रदेश उपाध्यक्ष कंप्यूटर ऑपरेटर संघ) सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।




