
रायपुर,(छत्तीशगढ़ उजाला)-
राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने इस मामले में लगभग 8 हजार पन्नों का चालान कोर्ट में पेश किया है। बताया जा रहा है कि यह एसीबी/ईओडब्लू के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा प्रकरण है।
जांच एजेंसी के मुताबिक, सौम्या चौरसिया ने अपनी वैध आय से 1872 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की। यह खुलासा राज्य की जांच एजेंसियों के लिए अब तक के सबसे चौंकाने वाले मामलों में से एक माना जा रहा है।
कौन हैं सौम्या चौरसिया?
भूपेश बघेल सरकार के दौरान सौम्या चौरसिया को राज्य की सबसे प्रभावशाली महिला अधिकारी माना जाता था। राज्य प्रशासनिक सेवा की यह अधिकारी 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव के रूप में कार्यरत रहीं।
सरकारी हलकों में उनका इतना प्रभाव था कि अक्सर कहा जाता था — “सौम्या की बात ही सरकार का आदेश होती थी।”
वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारी भी उनके समक्ष विशेष आदर के साथ उपस्थित होते थे।
दिसंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें कोयला घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में रहते हुए भी उनके नाम की चर्चा सरकार के फैसलों से जुड़ती रही।
49 करोड़ की अवैध संपत्ति का आरोप
ACB/EOW की जांच के अनुसार, सौम्या चौरसिया ने अपने 17 साल के कार्यकाल में 49 करोड़ 69 लाख 48 हजार रुपए की संपत्ति अर्जित की, जबकि उसी अवधि में उनकी और उनके परिवार की वैध आय मात्र 2 करोड़ 51 लाख 89 हजार 175 रुपए पाई गई।
जांच में खुलासा हुआ कि उन्होंने अपने परिवार और करीबियों के नाम पर 45 अचल संपत्तियों में निवेश किया।
सबसे ज्यादा अवैध निवेश 2019 से 2022 के बीच हुआ — जब वे मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात थीं।