कर्नाटक में RSS बैन की मांग पर सरकार हुई सक्रिय, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए

(छत्तीशगढ़ उजाला)-कर्नाटक में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को लेकर राजनीतिक माहौल इन दिनों काफी गर्म है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया(CM Siddaramaiah) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह तमिलनाडु सरकार के उस फैसले का अध्ययन करें जिसमें सरकारी परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस बयान से संकेत मिलता है कि कर्नाटक सरकार भी ऐसे ही कदम पर विचार कर रही है। इससे एक दिन पहले राज्य के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खरगे (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे) ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर पूरे कर्नाटक में सरकारी संस्थानों, स्कूलों और सार्वजनिक परिसरों में आरएसएस की सभाओं, शाखाओं और किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगाने की मांग की थी।
प्रियांक खरगे ने पत्र में कहा था कि “RSS की गतिविधियां संविधान की भावना और भारत की एकता के खिलाफ हैं। सरकारी परिसरों में इस संगठन को अनुमति देना अनुचित है।”
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को तमिलनाडु सरकार के फैसले का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं, जहां सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखाओं पर रोक लगाई गई है। सिद्धारमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, “प्रियांक खरगे ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस सरकारी परिसरों का इस्तेमाल कर रहा है और उसे रोकने के लिए वही किया जाए, जो तमिलनाडु सरकार ने किया है। मैंने मुख्य सचिव से तमिलनाडु के फैसले पर गौर करने के लिए कहा है।”
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और मंत्री प्रियांक खरगे ने 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आरएसएस सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी शाखाएं चला रहा है, जहां “नारे लगाए जाते हैं” और “बच्चों व युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।”
प्रियांक खरगे ने RSS पर लगाए गंभीर आरोप
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोलते हुए उसे “दुनिया का सबसे गुप्त संगठन” बताया है। मंत्री ने कहा कि आरएसएस ने खुद को कभी रजिस्टर्ड नहीं कराया, फिर भी उसे सैकड़ों करोड़ रुपये का धन प्राप्त होता है। प्रियांक खरगे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा “यह दुनिया का सबसे गोपनीय संगठन है। इतनी गोपनीयता क्यों? ये लोग कौन हैं? आरएसएस प्रमुख के संबोधन का सीधा प्रसारण क्यों होना चाहिए? उनका योगदान क्या है? वे मुझे अपने 100 साल के इतिहास में अपने दस योगदान बताएं।” उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आरएसएस की कठपुतली की तरह काम करती है। “अगर आप आरएसएस को हटा दें, तो भाजपा नहीं रहेगी। आरएसएस के बिना यह शून्य है, और धर्म के बिना आरएसएस शून्य है,”