
रायपुर(छत्तीशगढ़ उजाला)-आदिवासी अंचलों में ग्रामीण अवसंरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत 259 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से जारी यह आदेश राज्य के दूरस्थ व सेवाओं से वंचित इलाकों में सड़क नेटवर्क और कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
ग्रामीण संपर्क प्रभाग ने 25 सितंबर को यह स्वीकृति आदेश लेखा एवं भुगतान अधिकारी को भेजा, जिसे “मदर सैंक्शन” कहा गया है। निधि आवंटन वित्त मंत्रालय की जस्ट-इन-टाइम प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत किया गया है और इसका संचालन सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) स्पर्श मॉडल से होगा। आदेश को पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) पर अपलोड कर दिया गया है, ताकि राज्य सरकार इसका उपयोग वास्तविक व्यय के आधार पर कर सके।
निर्देशों के मुताबिक, कार्य की प्रगति व आवश्यकता के अनुसार एक से अधिक मदर सैंक्शन जारी किए जा सकते हैं, हालांकि एक समय पर केवल एक ही सक्रिय रहेगा और अप्रयुक्त राशि आगे ले जाई जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले मार्च 2024 में 126.70 करोड़, मार्च 2025 में 180 करोड़ और मई 2025 में 1 करोड़ रुपये की प्रतीकात्मक राशि छत्तीसगढ़ को जारी की जा चुकी है। नवीनतम मंजूरी के साथ पीएम-जनमन के अंतर्गत राज्य को ग्रामीण संपर्क योजनाओं के लिए अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय सहायता मिल चुकी है।
मंत्रालय ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निधियों का उपयोग योजना के मानकों के अनुरूप समयबद्ध तरीके से किया जाए। साथ ही, अप्रयुक्त केंद्रीय राशि को भारत की समेकित निधि और राज्य की राशि को राज्य की समेकित निधि में वापस जमा करने की अनिवार्यता भी सुनिश्चित करनी होगी।
यह स्वीकृति वित्त प्रभाग की सहमति से दी गई है, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में सड़क और संपर्क अवसंरचना को सशक्त बनाएगी तथा वहां के वंचित समुदायों को सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लाभ दिलाएगी।