
छत्तीसगढ़ उजाला
वर्धा, 19 अगस्त 2025: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में 16 अगस्त को गालिस सभागार में पावस उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें वर्षा ऋतु पर आधारित नृत्य-गीत की प्रस्तुतियां दी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वर्धा जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रुति जैन की उपस्थिति रही। कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में निरंतर गीत एवं संगीत से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन होना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिल सके। ऐसे आयोजनों से हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को विस्तार मिलता है। उन्होंने सभी कलाकारों को बधाई देते हुए उनके द्वारा प्रस्तुत गीत एवं नृत्य की प्रशंसा की। जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन एवं श्रुति जैन ने भी कलाकारों की एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों की सराहना की। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
प्रास्ताविक वक्तव्य प्रदर्शनकारी कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश भारती ने दिया। इस अवसर पर डॉ. तेजस्वी एच.आर. ने राग दुर्गा व मियां मल्हार में भजन प्रस्तुत किये।
भोजपुरी कजरी, मिर्जापुरी कजरी, बघेलखंड, अवध एवं बुन्देलखंड के सावन गीत की प्रस्तुति शिल्पा सामशी, पूजा ठाकरे, ममता कुमारी, दिव्या कुमारी, वैष्णवीबोरजे, भूमित कुमारी, ऋतु कुमारी, प्रिया कुशवाहा, कपिल, बहादुरे, संजय कुमार, आशुतोष, गौरव शर्मा, जयकरण दान, उत्कर्षा सिंह, डॉ. हिमांशु नारायण, राहुल यादव व उत्कर्ष सहस्रबुद्धे ने दी। संध्याताई देशमुख ने महाराष्ट्र के सावन गीत प्रस्तुत किये। कजरी नृत्य वेदिका मिश्रा, प्रिया सिंह, खुशी लोधी, अंशिमा मौर्या, पूजा पाढ़ी,कुमारी रिया एवं बिशमा देवी ने प्रस्तुत किया। बुंदेलखंडी कजरी नृत्य शिया, अंशिमा मौर्या,कृति कुमारी, नूतन कुमारी, सेजल ढोले एवं रुद्राणी समुद्रे ने प्रस्तुत किया। अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी गीत पर उत्कर्षा सिंह, सेजल ढोले, रुद्राणी समुद्रे, नंदिनी कुमारी एवं कृति कुमारी ने नृत्य प्रस्तुत किया। राजस्थानी चौमासा नृत्य वेदिका मिश्रा, प्रिया सिंह, खुशी लोधी, पूजा पाढी़, कुमारी रिया एवं बिशमा देवी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में तबला पर जीवन बांगड़े तथा हार्मोनियम पर अजय गलांडे ने साथ संगत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ओम प्रकाश भारती एवं उत्कर्ष सहस्रबुद्धे ने किया तथा प्रदर्शनकारी कला विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. विधु खरे ने आभार माना। इस अवसर पर साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार, डॉ. सतीश पावडे सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।