*बदहाल सड़कों और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर हाई कोर्ट ने साय सरकार को लगाई फटकार, सरकार से शपथपत्र के साथ मांगा जवाब*
छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। राज्य की बदहाल सड़कों और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गुरुवार को तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अगर हम न देखें तो क्या सरकार कोई काम ही नहीं करेगी। क्या सिर्फ कोर्ट की निगरानी में ही सड़कें बनेंगी।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर सहित प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की दयनीय हालत पर कड़ा रुख अपनाते हुए शासन से शपथपत्र सहित जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इसी तरह रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम भी अधूरा है। सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित पांच फुट ओवरब्रिज को लेकर डीपीआर तक तैयार नहीं हो पाई है।
स्वतः संज्ञान और जनहित याचिकाओं पर हुई संयुक्त सुनवाई
बदहाल सड़कों और आवारा मवेशियों के कारण हो रहे हादसों को लेकर हाई कोर्ट ने पहले ही स्वतः संज्ञान लिया था। साथ ही इस विषय में दाखिल जनहित याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए गुरुवार को सुनवाई की गई। कोर्ट ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है।
महाधिवक्ता को अदालत में तलब कर कोर्ट ने कहा कि पूरे शहर की सड़कें खराब हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही। सिर्फ कोर्ट के कहने पर ही काम क्यों होता है।
सरकार ने मांगा समय, शपथपत्र के साथ देगी जवाब
राज्य शासन की ओर से प्रस्तुत पक्ष में कहा गया कि सभी निर्माण कार्यों की स्थिति पर शपथपत्र के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाएगी। कोर्ट ने सरकार के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तय की है।