बिलासपुर

*अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितों को राहत और न्याय दिलाने प्रशासन संवेदनशील, 26 लाख रुपए से मिली 22 पीड़ितों को राहत*

छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर‌ (छत्तीसगढ़ उजाला)। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अत्याचार पीड़ितों को समय पर राहत और न्याय दिलाने प्रशासन संवेदनशीलता दिखा रहा है। जिला प्रशासन ने जिले में छह महीने के अंदर हत्या, शोषण, छेड़छाड़ और मारपीट के मामलों में पीड़ित 22 परिवार को 26 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों को जल्द राहत पहुंचाना शासन की प्राथमिकता है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के ऊपर हुए अत्याचार से पीड़ितों को सहायता प्रदान करने प्रशासन संवेदनशील रवैया अपना रहा है। प्रशासन ने एक जनवरी से 20 जून के बीच जिले में 22 पीड़ितों को 26 लाख रुपये की राहत राशि स्वीकृत कर वितरित की गई है।

22 मामलों में पीड़ितों को राहत

इन 22 मामलों में हत्या के दो, दैहिक शोषण के 8, छेड़छाड़ के 2 और अपमान और मारपीट के 10 घटना में पीड़ित परिवार को यह सहायता दी गई है। इन पीड़ितों में 19 अनुसूचित जाति और 3 अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग शामिल हैं।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पीसी लहरे ने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत हत्या पर 8.25 लाख, दुष्कर्म पर चार लाख, छेड़छाड़ और मारपीट पर दो लाख और अपमान पर एक लाख दिए जाते हैं।

न्याय दिलाने के लिए जिला प्रशासन साथ

अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसी भी अत्याचार पीड़ित को राहत राशि से वंचित नहीं रखा जाएगा। हर केस में आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाएगी ताकि संकट की घड़ी में पीड़ितों को सहारा मिले।
इसे लेकर बिलासुपर जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि किसी भी पीड़ित को सहायता देने में देरी न हो। शासन का उद्देश्य अत्याचार के शिकार लोगों को न्याय और राहत देना है ताकि वे अपने जीवन को फिर से सामान्य बना सकें।

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