*कई एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर ग्रामीण किसानों के खेत जाने वाले रास्ते की बलपूर्वक करवा दी 5 फीट खोदाई, रास्ता नही होने से किसानी कार्य ठप्प, प्रशासन से न्याय की गुहार पर कोई कार्रवाई नही*
छत्तीसगढ़ उजाला

पीड़ितों ने कहा- न्याय नही मिला तो परिवार सहित करेंगे भूख हड़ताल
कोरबा/पाली (छत्तीसगढ़ उजाला)। प्रदेश के मुखिया अतिक्रमण विरोधी अभियान चलवा रहे है, लेकिन सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने प्रशासन में बैठे अफसरों का रवैया नही बदला है और कहीं न कहीं सरकारी नुमाइंदे अवैध कब्जा अथवा कब्जे की शिकायत को अनदेखी करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे शासकीय भूमि पर कब्जा कर गहरी खोदाई करा देने से किसानों को खेतों में आने- जाने का रास्ता बंद हो गया है। जिससे प्रभावित कृषकों का कृषि कार्य ठप्प पड़ा है। कलेक्टर जनदर्शन सहित संबंधित अधिकारियों से रास्ता दिलाने न्याय की गुहार के बाद भी कार्रवाई नही होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद है और किसान चिंतित। पीड़ित किसानों का कथन है कि यदि प्रशासन इस ओर ध्यान नही देती है तो वे भूख हड़ताल पर बैठने मजबूर होंगे।
मामला पाली ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पोड़ी का है। यहां निवासरत शिक्षक शैलेन्द्र कश्यप व महेतरीन बाई द्वारा मिलकर कई एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया गया है और उस पर किसानों के आने- जाने वाले रास्ते की गहरी खोदाई करवा दी गई है। इससे किसानी कार्य ठप्प पड़ा है और किसानो का आवागमन मुश्किल हो गया है। इस संबंध में कलेक्टर जनदर्शन सहित एसडीएम, तहसीलदार में शिकायत दर्ज करा न्याय की गुहार लगाई गई है। लेकिन कार्रवाई नही होने से ऐन वक्त में प्रभावितों का खेती कार्य बंद पड़ा है। जिससे वे काफी चिंतित है। स्थानीय निवासी प्रभावित ग्रामीण किसान शिवदुलारी साहू ने बताया कि उनके पूर्वज का लगभग 12 एकड़ कृषि भूमि है, जिस पर परिवार के सभी लोग किसानी कार्य करते आ रहे है। उक्त एवं अन्य कार्य हेतु आवागमन के लिए पूर्वज से ही शासकीय भूमि से रास्ता था। जिस आने- जाने वाले भूमि सहित करीब 13 एकड़ पर गांव के ही महेतरीन बाई पति तुलसिंह एवं शैलेन्द्र कश्यप पिता स्व. बंशीलाल द्वारा मिलकर अवैध कब्जा कर लिया गया है और कृषि कार्य के लिए आवागमन वाले रास्ते की बलपूर्वक 5 फीट खोदाई करा देने से किसानों का खेती कार्य के लिए आना- जाना रुक गया है। जिस कारण से ऐन वक्त पर किसानी कार्य शुरू नही हो पाया है। ग्रामीण किसान शिवदुलारी ने आगे बताया कि मामले की शिकायत थाने में की गई थी, लेकिन अवैध कब्जाधारी महिला महेतरीन बाई ने थाना जाकर आदिवासी महिला को प्रताड़ित किये जाने की शिकायत दे दी। जिस शिकायत के आधार पर पुलिस मौके पर पहुँच जांच पड़ताल की तो शिकायत झूठी पायी गई, तब पुलिस ने महिला को झूठी शिकायत नही करने और किसानों के आने- जाने के लिए रास्ता देने समझाइश भी दी। लेकिन बेजा कब्जाधारियों के रवैये में कोई सुधार नही आया है। प्रभावित किसानों ने शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाकर अपनी खेतों तक पहुँच मार्ग दिलाए जाने न्याय की गुहार 9 जून को कलेक्टर जनदर्शन, 16 जून को पाली तहसीलदार एवं 23 जून को एसडीएम पाली को लगाई है, किन्तु इस दिशा में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही होने से खेतों में किसानी कार्य शुरू नही हो पाया है। पीड़ित किसानों में शिवदुलारी साहू, भागीरथी, गणेशराम, शिवरतन ने कहा है कि यदि प्रशासन उनकी नही सुनता है तो वे इस साल किसानी कार्य नही कर पाएंगे। ऐसे में वे न्याय को लेकर परिवार सहित भूख हड़ताल पर बैठने मजबूर होंगे, जिसकी सारी जवाबदारी प्रशासन की होगी।