राजनीतिराज्य

*आखिर कौन है शर्मिष्ठा पनोली क्यों हुई गिरफ्तार, अब सपोर्ट में उतरीं चर्चित अभिनेत्री कंगना रनौत, जानिए पूरा मामला*

छत्तीसगढ़ उजाला

कोलकाता (छत्तीसगढ़ उजाला)। एक्ट्रेस-राजनेता कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को तुरंत रिहा करने की मांग की है, जिन्हें शुक्रवार रात को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। कंगना ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर इस मामले पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने शर्मिष्ठा पनोली के बारे में बात की है। शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को लेकर कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी है और कहा कि भले ही उन्होंने तीखी भाषा का इस्तेमाल किया है, लेकिन आज के समय में युवा के बीच ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है और उसने माफी मांगी ली। शर्मिष्ठा को ऑपरेशन सिंदूर पर उनके विवादित बयान के लिए गिरफ्तार किया गया है।

शर्मिष्ठा पनोली मामले पर कंगना रनौत का रिएक्शन
इस बीच, कंगना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर शर्मिष्ठा पनोली का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं सहमत हूं कि शर्मिष्ठा ने अपनी अभिव्यक्ति के लिए कुछ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन ऐसे शब्द आजकल ज्यादातर युवा इस्तेमाल करते हैं, उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांगी और यही काफी होना चाहिए, उन्हें और परेशान करने की जरूरत नहीं है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

शर्मिष्ठा पानोली क्यों हुई गिरफ्तार
कोलकाता पुलिस ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया है। दरअसल, पुणे के लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा शर्मिष्ठा पनोली ने सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने कई हिंदी फिल्म अभिनेताओं की ऑपरेशन सिंदूर पर रिएक्ट न करने के लिए आलोचना की। उनका पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गया, जिसके बाद पनोली ने अपने अकाउंट से वीडियो हटा दिया और माफी मांगी। हालांकि, उस समय तक कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली थी। उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को कानूनी नोटिस भी भेजे गए थे। शुक्रवार की रात को उन्हें कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।

शर्मिष्ठा पानोली कौन हैं?
22 साल की शर्मिष्ठा पनोली पुणे की रहने वाली हैं। वह पुणे के एक लॉ यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है। वे एक मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं। पुलिस के अनुसार, भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1) (ए) धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, 299 (नागरिकों के किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने), 352 (जानबूझकर अपमान करना), 353(1)(सी) (सार्वजनिक मामले को भड़काने वाले बयान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

Related Articles

Back to top button