बिलासपुर

*नागपुर दंगे के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर चला प्रशासन का बुलडोजर, सीएम फडणवीस ने पहले दी थी चेतावनी ढहाया गया अवैध निर्माण*

छत्तीसगढ़ उजाला

 

नागपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर पर सोमवार को बुल्डोजर चलाया गया। नागपुर नगर निगम ने उसे खुद से अवैध निर्माण हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, जो आज पूरा हो गया।

फिलहाल वह पुलिस हिरासत में हैं। इससे पहले 21 मार्च को फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई थी। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

दरअसल, औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।

माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

फडणवीस ने कहा था- जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाएंगे

हिंसा के पांचवें दिन शनिवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा-हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति बेचकर वसूली जाएगी। जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा- पीड़ितों को जल्द ही नुकसान की भरपाई की जाएगी। जिन्होंने पुलिस पर हमला किया, उनके खिलाफ कठोर से कठोर धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने विपक्ष के आरोप पर कहा कि हिंसा इंटेलिजेंस फेल्योर या राजनीतिक साजिश नहीं थी।

फडणवीस ने बताया कि लेडी कॉन्स्टेबल के साथ छेड़छाड़ की खबर सच नहीं है। उन पर पत्थर जरूर फेंके गए थे। हिंसा का कनेक्शन बांग्लादेश से होने के शिवसेना के दावे पर उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि, इस एंगल से भी जांच की जा रही है।

रविवार को नागपुर से कर्फ्यू हटाया गया
इससे पहले नागपुर में हिंसा के छह दिन बाद रविवार को शहर में पूरी तरह से कर्फ्यू हटा लिया गया है। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने रविवार को दोपहर 3 बजे से बाकी बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया।

हालांकि, संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी। इससे पहले 22 मार्च को पचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा, जबकि 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों कर्फ्यू हटा लिया गया था।

छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किया था। इस दौरान नागपुर में हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। इस लेकर विवाद हो गया, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया।

दूसरे पक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में हरे रंग की चादर जलाई गई, जिस पर कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। हिंसा भड़कने के बाद शहर के 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। हिंसा में डिप्टी पुलिस कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

3 मार्च को सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं

पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।

आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’

आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।

मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा-भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। यूपी ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।

औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, सीएम फडणवीस का समर्थन

बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा-एक जेसीबी मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया।

तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए।

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया।

औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।

Related Articles

Advertisement Carousel
Back to top button