विधानसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों से घिरे डिप्टी सीएम साव…..बिना टेंडर ही विभाग ने करवा दिया पुलिया निर्माण…..

●छत्तीसगढ़ उजाला न्यूज़●
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रायपुर. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरा दिन हंगामे से भरा दिखा।इस सत्र में प्रदेश की साय सरकार के डिप्टी सीएम अरुण साव को सत्ता पक्ष के विधायक अजय चंद्राकर निगम की मनमानी व्यवस्था को लेकर सवाल किया।छत्तीसगढ़ विधानसभा में सबसे ज्यादा तेजतर्रार विधायक के नाम से अजय चंद्राकर को जाना जाता है।चंद्राकर अपनी शैली से जब विभागीय मंत्री अरुण साव से बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण को लेकर सवाल पूछ रहे थे तब मंत्री जवाब नही दे पा रहे थे।विधायक के सवाल का सही जवाब दे पाने में साव कमजोर ही नजर आए।स्मार्ट सिटी के मदो की जानकारी के सवाल में मंत्री फंसते नजर आए।बूढ़ा तालाब सहित कई अधूरे पड़े कामो की गिनती भी विधायक चंद्राकर ने डिप्टी सीएम को बताई।कुल मिलाकर भाजपा विधायको ने कल डिप्टी सीएम की बोलती ही बंद कर दी।
बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक ने जलजीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार की ईडी से जांच करवाने की बात कही।मंत्री अरुण साव ने हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाही करने की बात कही।कौशिक ने ठेकेदारों को भुगतान कर देने का मुद्दा भी उठाया।मंत्री नए नवेले है इसलिए गोलमोल जवाब देते दिखे।
लखमा के सवाल उठाते ही भूपेश ने घेरा डिप्टी सीएम साव को……
विधानसभा में मंगलवार को सुकमा व दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में बिना ठेका के पुलिया निर्माण को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के विधायकों ने डिप्टी सीएम व पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव को घेरा। विपक्ष बिना स्वीकृति के पुलिया निर्माण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जबकि डिप्टी सीएम का कहना था कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सामग्री पहुंचाने के लिए पुलिया निर्माण शुरू हुआ।लखमा ने कहा की ऐसा कौन सा नियम है पहले पुल बनेगा बाद में उसका टेंडर होगा। इसे लेकर डिप्टी सीएम साव व पूर्व सीएम भूपेश बघेल सीधे तौर पर आमने- सामने हो गए। इसके बाद विपक्ष डिप्टी सीएम के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी करने लगे। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी को सदन की कार्यवाही से विलोपित करवा दिया। इसके बाद विपक्ष ने बहिगर्मन कर दिया।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने डिप्टी सीएम पर लगाया आरोप
जब विभाग के मंत्री अरुण साव स्वीकार कर रहे हैं कि आचार संहिता के दौरान बिना टेंडर के काम हुआ है, तो फिर दोषी अफसरों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि अफसरों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने दी सफाई
जहां पुल बना वहां आसपास सुरक्षा बलों के कैंप हैं। बारिश में सुरक्षाबलों के राशन पहुंचाने और उनके आने-जाने में होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पुल का कुछ हिस्सा बनवाया। बाद में इसका काम रोक दिया गया। इसमें एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया गया है। आज टेंडर खोला जा रहा है जो एजेंसी तय होगी उसे काम दिया जाएगा।
कुल मिलाकर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के सामने प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री अरुण साव कमजोर दिखे।सत्र के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने भ्रष्टाचार का नारा देते हुए विधानसभा से बहिर्गमन भी कर दिया।सत्र में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह डिप्टी सीएम को बचाते हुए भी दिखे।विधानसभा सत्र का यह दिन डिप्टी सीएम अरुण साव के नाम पर रहा।