राजधानी सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में बढ़ता नशे का कारोबार….techno party के नाम से राजधानी के युवा नशे की गिरफ्त मे…..

रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला:
छत्तीसगढ़ की राजधानी सहित न्यायधानी में इन दिनों नशा पार्टी और डांस पार्टी बड़े पैमाने पर हो रही है। बड़े होटलों में हर शनिवार और रविवार को नशे की पार्टी का आयोजन किया जाता है।इन सब आयोजनों की जानकारी किसी को न हो ऐसा भी नही है।प्रदेश की पुलिस को सब जानकारी होती है लेकिन होटल मालिकों के रसूख के सामने किसी की नहीं चलती।देश के बड़े शहरों से नाचा कूदा करने वाली बार बालाओ को बुलाने का काम किया जा रहा है।इसी वजह से खुलेआम बार बालाओं को नचाया जा रहा है और नशे के हालत में पैसे भी उड़ाने का काम किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार राजधानी के डांस क्लब,होटल सहित कैफे रेस्टोरेंट में आज कल नशे को लेकर एक नया कॉन्सेप्ट आया है जिसे टेकनो म्यूजिक डांस का नाम दिया जाता है।इसमे इनका अलग प्रकार का म्यूजिक रहता है जिसमे युवा एक अलग अनुभव करते है। इस आयोजन में सारे बड़े व सूखे नशे खुलकर उपयोग किये जाते है।इसका आयोजन करवाने वाले मेट्रो शहरों से आकर अपनी दुकानदारी चला रहे है।इनका काफी बड़ा नेटवर्क पूरे देश मे है।इस आयोजन में खुलेआम युवाओ को नशा परोसा जाता है।गोवा के पैटर्न पर नशा करवाने का काम राजधानी में बेखौफ तरीके से किया जा रहा है।
राजधानी और आसपास के युवाओं के लिए आकर्षक पैकेज का लालच देकर होटल,क्लब और बार वाले युवाओं की भीड़ को अपने ओर खींचने का काम कर रहे हैं। राजधानी और आसपास के फार्म हाउसों में शनिवार और रविवार डांस पार्टी का आयोजन भी किया जाता है जिसमे पहुंचे युवाओं को खुलेआम नशा भी परोसा जाता है।आज के युवाओं को नशे की गिरफ्त में लाने का काम खुलकर किया जा रहा है।नशा पार्टी के लिए नियम और कायदे अनेक राज्यो ने बनाये हैं लेकिन राजधानी में ऐसा कोई कानून नहीं है जिसका अनुचित फायदा होटल, क्लब और बार वाले उठा रहे हैं। सरकार को चाहिए युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए पुलिस को सख्ती से निपटने का आदेश दे।सुशासन की सांय सरकार से आम जनता को बड़ी उम्मीद व भरोसा है।
राजधानी के एसएसपी नशे को लेकर निजात अभियान तो जरूर चला रहे है पर क्या इससे नशे के कारोबार में कमी आई है।आज हर परिवार अपने घर के युवाओ को नशे से दूर रखना चाहते हैं पर घरवाले एक सीमा से ज्यादा कुछ कर नही सकते।पुलिस की कार्रवाही अगर सही तरीके से हो तो इसमें काफी कमी आ सकती है।पर होटल वालों के रसूख को देखकर पुलिस वाले इन सब पर कार्रवाई करने में पीछे रहते है। देखने में आया है कि निजात अभियान केवल दिवालो में लिखने तक ही सीमित हो गया है।पुलिस वाले अपना काम ईमानदारी से कर ले तो बहुत कुछ बदलाव तजरबा सकता है।निजात अभियान के बावजूद नशे का कारोबार रुक नहीं रहा है।सरकार को इस मामले में कड़े रुख अख्तियार करने चाहिए।सोचने की बात ये है कि थाने के आसपास भी आसानी से नशे का सामान उपलब्ध होने लगा है। छत्तीसगढ़ में राजधानी के साथ ही बिलासपुर, कोरबा,दुर्ग भिलाई, रायगढ़,महासमुंद में सहित सभी शहरों में नशे का बड़ा कारोबार किया जा रहा है।देर रात तक होटल्स कैफे में युवाओं की भीड़ देखी जाती है।नया रायपुर में अक्सर देर रात युवाओ का हुजूम देखा जाता है।इन सबको किसका सहयोग है.
इस पर जांच करने की आवश्यकता है।जिस थाने क्षेत्र में ऐसे मामले ज्यादा नजर आये उनके ऊपर तत्काल कार्रवाही की जानी चाहिए।अधिकतर युवाओं को स्कूल के दौरान गलत संगत के वजह से शराब और गांजे की लत लग जाती है और नशे की लत के कारण युवा अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। इस लत के वजह से उनका पारिवारिक और वैवाहिक जीवन भी बर्बाद हो जाता है।शहर के अंदर इतनी आसानी से नशा किसकी मिलीभगत से आ रहा है।देश की भावी पीढ़ी को बचाने के सभी को सामने आने की आवश्यकता है।