खेल

 बैजूस मामला: पैसा कहां से आया बताओ……वरना जेल जाओ 

मुंबई । संकट के दौर से गुजर रही भारतीय एडटेक फर्म बैजूस के अमेरिका में चल रहे दिवालिया मामले में फेडरल जज ने आदेश जारी  कर दिया है। यह आदेश अमेरिका के हेज फंड मैनेजर के खिलाफ है। फेडरल जज ने कहा है कि अगर फंड मैनेजर को गिरफ्तार होने से बचना है, तब उन्हें बैजूस से मिले 53.3 करोड़ डॉलर यानी 533 मिलियन डॉलर का पता बताना होगा। कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, बैजूस ने पिछले साल इस फंड में 533 मिलियन डॉलर की लोन की रकम का निवेश किया था। माना जा रहा है कि बैजूस ने इस ट्रांजैक्शन को छिपाने की कोशिश की थी।
रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका के दिवालिया मामलों के जज जॉन डॉर्सी ने सुनवाई के दौरान कैमरशाफ्ट फंड के फाउंडर विलियम सी मॉर्टन के खिलाफ गिरफ्तारी आदेश को रद्द करने पर शर्त के साथ सहमति जाहिर की है।
रिपोर्ट के अनुसार, बैजूस ने पिछले साल फंड में 533 मिलियन डॉलर की लोन की रकम का निवेश किया था। बाद में यह पैसा एक इंग्लैंड के कर्जदाता और फिर एक अज्ञात, गैर-अमेरिकी यूनिट में ट्रांसफर किया गया जो बैजूस से जुड़ी हुई थी। अब कर्जदाता बैजूस की एक अमेरिकी यूनिट के दिवालिया मामले का उपयोग करके इस नकदी की वसूली की कोशिश कर रहे हैं। न्यायाधीश ने मॉर्टन को आदेश देकर कहा कि वे 10 दिनों के भीतर अमेरिका लौटें और बैजूस के कर्जदताओं के वकीलों से मिलें।
कोर्ट ने फंड मैनेजर पर जज ने सवालों का जवाब देने से बचने के लिए अमेरिका से भागने का आरोप लगाकर कहा है कि अगर मॉर्टन 10 दिनों के भीतर उपस्थित नहीं होते हैं, तब गिरफ्तारी आदेश को फिर से लागू किया जाएगा। जज डॉर्सी ने कहा, ‘हमें किसी तरह इस मामले को आगे बढ़ाना होगा। गायब हुआ पैसा कर्जदाताओं और बैजूस के फाउंडर बैजू रवींद्रन के स्टार्टअप के बीच विवाद की जड़ है। 
गौरतलब है कि बैजूस का आधिकारिक नाम थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड है। इस नकदी का मामला दिवालिया कंपनी बैजूस अल्फा इंक से जुड़ा हुआ है। मॉर्टन के वकील पीटर वैन टोल ने जज डॉर्सी को बताया कि मनी मैनेजर की उम्र 20 साल के करीब है और वे सवालों का जवाब देने और कर्जदाताओं के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button