छत्तीसगढ

शराब घोटाला ढांढ सरगना……क्या अब और होंगे नए खुलासे…..ईडी के बयान से कइयों की उड़ी नींद…..

●रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला●

 

छत्तीसगढ़ के अरबों रुपए के शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद बड़े खुलासे की चर्चा जोरों पर है।छत्तीसगढ़ में पूर्व में रही भूपेश बघेल सरकार में सबसे ताकतवर आईएएस में विवेक ढांड का नाम लिया जाता था।भूपेश सरकार के समय कहा जाता था कि भूपेश सरकार इसी आईएएस के इशारों में चलती थी।शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड का नाम भी जुड़ गया है. ईडी ने विवेक ढांड को पूरे घोटाले का सरगना बताया है, जिसके निर्देशन में घोटाले के अहम किरदार अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी काम कर रहे थे. यही नहीं विवेक ढांड को इस घोटाले ने हिस्सेदारी भी मिलना बताया गया है.
इस मामले में अभी और भी राज खुलने बाकी है।लगता है ईडी की टीम बहुत जल्द और भी बड़ी कार्रवाही करेगी।

नौकरशाही में विवेक ढांड एक बड़ा नाम कहा जाता है।रायपुर में इनकी बड़ी प्रॉपर्टी के भी किस्से है।इन को इस शराब घोटाले में बड़ी हिस्सेदारी भी मिलना बताया गया है। साथ ही इस खेल में शामिल लोग शराब कंपनियों से शराब का अवैध उत्पादन करवाकर उसकी सप्लाई का सिंडिकेट चलाते थे। इसके एवज में कंपनियों से इन्हें कमीशन मिलता था। इस पूरे घोटाले का तानाबाना बुनने से लेकर अंजाम देने तक पूरा ब्योरा एफआईआर में दिया गया है।

ईडी के मुताबिक 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी। इसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।उस समय स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था।इस होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा में प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को टेंडर दिया गया था। जबकि वह कंपनी होलोग्राम बनाने की पात्र नहीं थी। इसके बाद भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दिया गया।


ईडी ने रिमांड पर लिए गए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से बुधवार को देररात तक पूछताछ की। उन्होंने तलाशी के दौरान बरामद डिजिटल एविडेंस और आय के स्रोत की जानकारी ली। साथ ही अरविंद सिंह और ए.पी. त्रिपाठी द्वारा प्रतिमाह दिए जाने वाले 1.50 करोड़ का हिसाब भी मांगा। इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर कवासी से सीए, राजू जगन्नाथ साहू, सुशील ओझा और ठेकेदार रामभुवन भदौरिया को उपस्थिति दर्ज कराने समंस जारी किया गया है।ईडी की इस बड़ी कार्रवाही को लेकर छत्तीसगढ़ में कई नौकरशाहो व बड़े व्यापारियों की नींदे उड़ गई है।लगता है अब पूर्व सरकार के कई बड़े घोटाले बाज जेल की सलाखों के पीछे जाएंगे यह तो अब तय ही है।अब ढांढ की जेल यात्रा कब होगी यह देखना बाकी है।

Anil Mishra

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