राजनीति

क्‍या भाजपा फिर से चारों सीटें जीत पाएगी?

शिमला। भाजपा के कार्यकर्ता व नेता चुनाव के दिनों में ही सक्रिय नहीं होते बल्कि लोगों से संपर्क का सिलसिला चलता रहता है, उसी का प्रतिफल है कि भाजपा लोकसभा की चारों सीटों व विधानसभा के छह सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भी जीत तय है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होगी। प्रदेश की कांग्रेस सरकार से लोगों का 15 माह में ही मोह भंग हो गया है। सुक्खू सरकार अपने ही भार से गिर जाएगी, इसके लिए किसी को प्रयास करने की जरूरत नहीं हैं। जो मुख्यमंत्री अपने विधायकों को नहीं संभाल पाए वह प्रदेश को कैसे संभाल पाएंगे, जनता सब जानती है, बस पहली जून का इंतजार कर रही है। चुनावी व्यस्तता के बीच पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने दैनिक जागरण से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश…

सवाल: दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है, भाजपा फिर से चारों सीटें जीते, इसके लिए पार्टी किस रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है?

जवाब- भाजपा एक संगठन आधारित पार्टी है। आठ हजार पोलिंग बूथों में पार्टी का मजबूत संगठन काम कर रहा है। पार्टी को किसी तरह से कोई कमी नहीं दिख रही है। पार्टी के कार्यकर्ता के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व है। उनके मार्गदर्शन में तीसरी क्या चौथी व पांचवीं बार भी हिमाचल में भाजपा को चारों सीटें जीतने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

सवाल: हमीरपुर सीट से अनुराग ठाकुर लगातार पांचवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। शिमला सीट से सुरेश कश्यप दूसरी बार चुनाव में उतरे हैं। दोनों के विरुद्ध एंटी इनकंबेंसी का फैक्टर प्रभावी हो सकता है, इसकी काट के लिए भाजपा की क्या तैयारी है?

जवाब- भाजपा के खिलाफ एंटी नहीं बल्कि प्रो इनकंबेंसी है। प्रत्याशी संसदीय क्षेत्र से जो भी हो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम व काम को लोग पसंद कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने हिमाचल ही नहीं देश में विकास किया है। धर्मशाला का क्रिकेट मैदान बनाकर दुनिया में हिमाचल का नाम रोशन किया है। उनसे नाराजगी का सवाल ही नहीं है, वे चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल करेंगे। शिमला में भी जीत का अंतर दो लाख से ज्यादा का रहेगा।

सवाल: बतौर पार्टी अध्यक्ष आपके लिए लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव कितना चुनौतीपूर्ण हैं और उससे पार पाने के लिए आप कितने तैयार हैं?

जवाब- भाजपा एक राजनीतिक दल है। राजनीतिक दल के लिए चुनाव लड़ना कोई नया काम नहीं होता है। भाजपा के नेता व कार्यकर्ता चुनाव के समय ही सक्रिय नहीं होते हैं। पांच साल लगातार जनता के बीच में जाते हैं। काम के दम पर ही लोगों के बीच जाते हैं। इसलिए कोई भी चुनाव चुनौती नहीं लगता है। भाजपा के नेताओं ने काम किया है, जनहित के काम निस्वार्थ भाव से किए हैं। इन कार्यों के दम पर भाजपा का कार्यकर्ता आम लोगों के बीच में वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं।

सवाल: मंडी से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी कंगना रनौत कह रही हैं कि 2027 में महिलाओं का बोलबाला होगा, क्या भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में है?

जवाब- आज तक देश में महिलाओं को अधिकार व सशक्त करने का काम भाजपा ने किया है। 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल भाजपा ने पास किया है। हिमाचल में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय निकायों व पंचायतों में भाजपा ने दिया है। भाजपा ने हर मोड़ पर महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए काम किया है। देश की राष्ट्रपति हो या फिर कोई भी क्षेत्र, पिछले 10 साल के कार्यकाल में महिलाएं देश में ज्यादा सुरक्षित व स्वतंत्र महसूस कर रही है। अभी पार्टी संसदीय चुनाव व विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए कार्य कर रही है।

सवाल: भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि चुनाव के बाद सुक्खू सरकार गिर जाएगी। यदि भाजपा उपचुनाव वाली सभी छह सीटें भी जीत जाती है तो भाजपा 31 का आंकड़ा छू लेगी। तीन निर्दलीयों के त्यागपत्र पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। कांग्रेस 34 और भाजपा 31, ऐसे में आंकड़ा भाजपा के पक्ष में कैसे आएगा?

जवाब- वर्तमान सरकार व मुख्यमंत्री 40 कांग्रेस विधायकों को संभालने में नाकाम रहे हैं। 40 से 34 पर पहुंच गए, ये प्रदेश की 80 लाख जनता के हितों की रक्षा कैसे करेंगे। इस पर शुरू से ही प्रश्न उठ रहे हैं। अभी तो छह सीपीएस जो गलत तरीके से बनाए हैं, वे भी खाली होने हैं। भाजपा ने सरकार को गिराने के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस अपनी नाकाम छुपानी के लिए यह बात कर रही है।

सवाल: उपचुनाव वाली छह विधानसभा सीटों पर भाजपा के पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक अब भी उतने सक्रिय नहीं दिख रहे हैं, ये नेता लोकसभा प्रत्याशियों के साथ तो मंच साझा कर रहे हैं पर कांग्रेस से आए नेताओं का साथ इनको अभी तक भाया नहीं है, इस स्थिति से किस तरह से निपट रहे हैं?

जवाब- भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता काम कर रहा है। पार्टी के नेता किसी भी बात से नाराज नहीं हैं। पार्टी के हर नेता व कार्यकर्ता चुनाव में साथ हैं। गगरेट से राजेश ठाकुर और कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर चुनाव प्रचार में सक्रिय है। हमीरपुर में भाजपा के सभी नेता काम कर रहे है। जो पार्टी के खिलाफ थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

सवाल: कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट देने का हिमाचल में किस नेता का निर्णय था, क्या आप भी इससे सहमत थे। किसी ने यह सुझाव नहीं दिया कि सभी को टिकट न देकर मजबूत प्रत्याशियों को टिकट दिए जाएं?

जवाब- ये बागी नहीं हैं, यह कहना बिल्कुल गलत है। ये सभी भाजपा के सदस्य हैं। पार्टी में आए हैं। पार्टी ने इनका सम्मान करते हुए एकजुट होकर फैसला लिया कि इन्हें प्रत्याशी बनाया जाएगा। भाजपा में टिकट के चयन के लिए सिस्टम काम करता है, कोई व्यक्ति नहीं।

सवाल: लाहुल-स्पीति से रामलाल मार्कंडेय और धर्मशाला से राकेश चौधरी भाजपा को कितना नुकसान करेंगे, यदि निर्दलीय जीत जाते हैं तो क्या भाजपा उन्हें चुनाव के बाद फिर से पार्टी में लेने के लिए तैयार है?

जवाब- भारतीय जनता पार्टी चार लोकसभा से लेकर छह विधानसभा उपचुनावों की सीटें जीत रही है। किसी के बाहर जाने से कोई नुकसान नहीं होता है। पार्टी से बाहर जाने से व्यक्ति का नुकसान होता है। ये पार्टी छोड़कर जाने वाले को आने वाले समय में पता चल जाता है।

सवाल: चुनाव के समय पार्टी से बाहर चल रहे नेताओं की वापसी होती है। कुछ नेताओं की वापसी भी हुई है। कांगड़ा से राज्यसभा सदस्य कृपाल परमार से पार्टी ने वापसी के लिए क्यों संपर्क नहीं किया। इस तरह का दावा खुद परमार ने किया है?

जवाब- जो पार्टी के हिसाब के काम व व्यवहार करेगा, पार्टी की रीति-नीति व नीयत के तहत प्रधानमंत्री मोदी को विजयी बनाने के लिए काम करेंगे। उनके बारे में पार्टी में विचार किया जाएगा।

सवाल: भाजपा राज्यसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी को जिताने में तो सफल रही, पर सरकार गिराने के प्रयास सफल नहीं हो पाए। सुक्खू सरकार के विरुद्ध आपरेशन क्या हिमाचल के नेताओं की रणनीति थी या केंद्र से इशारा था और इस आपरेशन के फेल होने के पीछे क्या कारण मानते हैं?

जवाब- ये सभी आरोप गलत है। राज्य सरकार को गिराने की जरूरत नहीं है, यह सरकार अपने बोझ से ही गिर जाएगी। सरकार में विधायक व मंत्री ही तंग है तो आम जनता के हाल खुद जा सकते हैं। इसलिए ये अपने बोझ से गिरेगी। इसे गिराने के लिए किसी को कुछ करने की जरूरत नहीं है।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button