भगवान गणेश प्रथम पूज्य हैं. हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का पूजन करना शुभ होता है. कई लोग भगवान गणेश की प्रतिमा या फिर चित्र को अपने घर के बहार मुख्य द्वार पर लगा देते हैं. भगवान गणेश की पीठ घर की ओर न हो तो लोग पीछे भी उनकी प्रतिमा या तस्वीर लगा देते हैं. वास्तु के जानकार इसको बेहद गलत मानते हैं. उनका मानना है कि भगवान गणेश को घर पर किसी भी हालत में द्वारपाल की भूमिका में नहीं रखना चाहिए.
अगर आप भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को मेन गेट पर लगाते हैं तो इससे वे द्वारपाल की भूमिका में आ जाते हैं, जो कि अशुभ प्रभाव डालता है. वास्तु के जानकारों का मानना है कि भगवान गणेश को घर के पूजा स्थल में स्थापति करना चाहिए. वास्तु के जानकारों की मानें तो लोग बिना जानकारी के अलग-अलग टोटके करने लगते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है.
क्या है मान्यता?
मान्यता है माता पार्वती ने भगवान गणेश को द्वार की रक्षा करने के लिए बाहर खड़ा किया था. उन्होंने भगवान शिव को भी अंदर नहीं जाने दिया था. इस कारण विवाद शुरू हो गया था. इससे क्रोध में आकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था. ऐसे में पिता और पुत्र के बीच मतभेद हो गए थे. इस कारण भगवान गणेश को कभी भी मुख्यद्वार पर नहीं रखना चाहिए.
ऐसी दीवार पर भी न लगाएं किसी भी भगवान की तस्वीर
वास्तु के अनुसार भगवान की मूर्ति को ऐसी दीवार पर नहीं लगाना चाहिए. जो बाथरूम से जाकर मिलती है. इन दीवारों पर भगवान गणेश की तस्वीर दीवार पर लटकाने की जगह पर पूजा घर में रखें. भगवान गणेश को घर के मंदिर में रखें और सर्वप्रथम उनका ही पूजन करें.