तमिलनाडु विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान एआईएडीएमके के सदस्यों ने कल्लाकुरिची हूच त्रासदी के मुद्दे को लेकर सवाल किए थे। इसके कारण पहले इन सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। लेकिन बुधवार को एक बार फिर हंगामे की स्थिति उत्पन्न होने के कारण उनको विधानसभा के पूरे सत्र से ही निलंबित कर दिया गया। तमिलनाडु में कुछ दिन पहले कल्लाकुरिची में हुई जहरीली अवैध शराब त्रासदी में मंगलवार तक 58 लोगों की जान गई थी। वहीं कई लोग अभी अस्पतालों में भर्ती हैं। इसके बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में ठनी हुई है। विपक्ष लगातार सत्तारूढ़ पार्टी को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। विपक्ष पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी एआईएडीएमके के विधायकों ने मंगलवार को इस मुद्दे को प्रश्नकाल सत्र में उठाने की कोशिश की। सत्र में इसको लेकर जमकर नारेबाजी भी हुई। जिसके बाद एआईएडीएमके के विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दे दिया गया। इसके बाद उन्हें प्रस्ताव पारित करके एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। वहीं बुधवार को फिर इसी बात को लेकर हंगामा होने पर विपक्ष के नेता एडप्पादी पलानीस्वामी और अन्य एआईएडीएमके के विधायकों को पूरे विधानसभा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने वाले एआईएडीएमके के विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। विधायकों ने प्रश्नोत्तर सत्र स्थगित करने की मांग की थी और कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर नारे लगाए थे। मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे इस तरह की सुनियोजित गतिविधियों में लिप्त हैं। उनका कहना है कि वह उनकी पार्टी डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन को "40/40" जीतते हुए बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। दरसअल हाल ही में हुए चुनावों में तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों और पुडुचेरी की एकमात्र सीट पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है।
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