मुंबई । राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि देश में चीनी उद्योग समस्याओं का सामना कर रहा है, क्योंकि केंद्र ने पांच साल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में कोई वृद्धि नहीं की है। अधिकारी कहा कि केंद्र सरकार के त्वरित निर्णय नहीं लेने से चीनी उद्योग में कार्यशील पूंजी में कम मुनाफा, कर्ज जैसी समस्याएं फिर से उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ने का एफआरपी तीन बार बढ़ाया है, लेकिन चीनी के एमएसपी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सभी राज्य महासंघ पांच साल से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने सकारात्मक रूप से इस पर विचार नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि ऐसी नीतियां चीनी उद्योग के लिए समस्या उत्पन्न कर रही हैं। हम सिर्फ चीनी उत्पादन की लागत की मांग कर रहे हैं। हम उत्पादन लागत के रूप में कम से कम 41 रुपये (प्रति किलोग्राम) चाहते हैं। गन्ने की लागत बढ़ गई है, परिवहन लागत बढ़ गई है और मजदूरी शुल्क भी बढ़ा दिया गया है, लेकिन चीनी की कीमत वही है।