44 डिग्री से ऊपर का तापमान और भारी उमस से पैदा हो रही गर्मी स्कूली बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उमस और गर्मी के प्रकोप से स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है। जिला में प्रतिदिन स्कूलों में बच्चों के बीमार और बेहोश होने की सूचना मिल रही है।
बुधवार को तो मध्य विद्यालय मनकौल में उमस और गर्मी के प्रभाव से एक साथ दो दर्जन बच्चे बेहोश होकर कक्षा में गिर गए। एक साथ दो दर्जन बच्चों के बीमार होकर बेहोश होने पर विद्यालय और समूचे गांव में अफरातफरी मच गई।
ओआरएस घोल तथा प्राथमिक उपचार देकर ठीक किया गया
गंभीर रूप से बीमार हुए 6 बच्चों को सदर अस्पताल और 2 बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश प्रसाद ने बताया साढ़े सात बजे कई कक्षाओं में बच्चे बेहोश होने लगे। कई को विद्यालय में ही ओआरएस घोल तथा प्राथमिक उपचार देकर ठीक किया गया।
अधिक बीमार हुए बच्चों को ई रिक्शा और बाइक से सदर अस्पताल लाया गया। बच्चों का इलाज कर रहे सदर अस्पताल के चिकित्सक रजनीकांत प्रसाद ने बताया कि उमस वाली गर्मी सबसे खतरनाक है।
इसमें शरीर से बहने वाले पसीने के साथ शरीर का नमक बाहर निकल जाता है, जिससे चक्कर के साथ लोग बेहोश हो जाते हैं। तुरंत चिकित्सा नहीं मिलने पर जान भी जा सकती है।
घटना के बाद आक्रोशित हुए ग्रामीण
इधर, एक साथ दो दर्जन बच्चों के बेहोश होने की इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित होकर मनकौल के पास शेखपुरा-पकरीबरमा सड़क को जाम कर दिया।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ मन का भडांस निकालते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। कहा सरकार स्वयं एसी में रहकर इस भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल करा रही है।