पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर बैंक मैनेजर से 15 लाख की धोखाधड़ी, दो आरोपित राजस्थान से गिरफ्तार मास्टर माइंड मनोज स्वामी पर भी होगी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। रेंज साइबर पुलिस ने पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर बैंक मैनेजर से 15 लाख की धोखाधड़ी करने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि मुख्य आरोपित कतर में रहकर गैंग को आपरेट करता है। पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। दो आरोपित को न्यायालय में पेश किया गया है।
एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि सिविल लाइन क्षेत्र के परिजात एक्सटेंशन में रहने वाले सुनील कुमार बैंक मैनेजर हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि सितंबर 2023 में पार्ट टाइम का झांसा देकर कुछ रुपये जमा कराए गए। इसके बदले पहले तो उन्हें छोटी रकम का मुनाफा दिया गया। बाद में ज्यादा मुनाफे का लालच देकर 15 लाख चार हजार 850 रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। शिकायत पर पुलिस ने रेंज साइबर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि आरोपित राजस्थान के नागौर और डिडवाना कुचामन जिले में सक्रिय हैं। इस पर पुलिस की एक टीम को राजस्थान रवाना किया गया। जांच के आधार पर पुलिस ने अजय सिंह (22) निवासी ग्राम छपारा लडानू जिला डीडवाना कुचावन और गजेन्द्र उर्फ गज्जू स्वामी(40) निवासी ग्राम गुडपालिया जिला नागौर को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपित को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया है।
पकड़े गए आरोपितों ये पूछताछ में पता चला कि जालसाजी का मास्टर माइंड मनोज स्वामी कतर के दोहा में रहता है। वहां पर लेबर ठेकेदारी की आड़ में रहकर जालसाजी के गैंग को आपरेट कर रहा है। पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि जालसाजी का मास्टर माइंड मनोज स्वामी कतर में रहकर लेबर ठेकेदारी करता है। जालसाजी से मिले रकम को वह अपने गांव के आसपास के श्रमिकों के खाते में भेजकर नकदी रकम अपने लोगों को दिला देता है। इसके अलावा वह विदेश में रह रहे श्रमिकों से विदेशी मुद्रा लेकर जालसाजी की रकम उनके स्वजन के खाते में भेज देता है। इससे श्रमिक के परिवार भी पुलिस की नजर में आ जाते हैं। पुलिस की टीम आरोपित के लेनदेन की जानकारी जुटा रही है।
रेंज साइबर थाने को खुले सालभर से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन पहली दफा थाने की पुलिस की नींद खुली और किसी मामले में उसने कार्रवाई की। दूसरी ओर जिले की क्राइम ब्रांच अभी भी नींद में है। पूरा आइपीएल निकल गया, लेकिन ब्रांच ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा साइबर फ्राड को रोकने और ठगों पर कार्रवाई करने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पीड़ित ने घटना की शिकायत पुलिस से की। इसी दौरान आरोपित के बैंक एकाउंट होल्ड करा दिए गए। बैंक में होल्ड एक लाख 27 हजार रुपये पीड़ित को वापस कराया गया है। इसके साथ ही आरोपित अजय सिंह और गज्जू के खाते में पांच लाख रुपये होल्ड कराया गया है। पुलिस ने आरोपित के मोबाइल और सिम को जब्त कर लिया है। इससे और जानकारियां भी सामने आ सकती है।
टीम में ये रहे शामिल
जालसाजों को पकड़ने के लिए टीम में एसीसीयू के प्रभारी राजेश मिश्रा, निरीक्षक अवनीश पासवान, एसआइ अजय वारे, एएसआइ सुरेश पाठक, आरक्षक विजेंद्र मरकाम, शिरिश तिवारी और मुकेश वर्मा शामिल रहे। टीम एक सप्ताह तक राजस्थान में डेरा डाले रही। स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपित को गिरफ्तार किया गया।