दिल्ली में लास्ट माइल्स कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ‘मोहल्ला क्लीनिक’ की तर्ज पर ‘मोहल्ला बसें’ भी शुरू करने जा रही है. इसके लिए 15 जुलाई से 2 रूट पर ट्रायल भी शुरू कर दिया है. ये ट्रायल एक सप्ताह तक चलेगा. इसके बाद ट्रायल के दौरान इकट्ठा किए गए डाटा के हिसाब से आगे के रुट्स और बसों की फ्रीक्वेंसी तय की जाएगी. दिल्ली सरकार के मुताबिक, ये बसें 9 मीटर लंबी हैं और दिल्ली की ऐसी जगहों और सड़कों पर जाएंगी, जहां 12 मीटर की बड़ी बसें नहीं जा सकती है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय से मोहल्ला बस में बैठकर खुद ट्रायल शुरू किया. इस दौरान कैलाश गहलोत ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत करते हुए कहा कि मोहल्ला बसों को लेकर लोगों को काफी इंतजार था. सोशल मीडिया पर भी लोग मुझसे पूछते थे. जिन इलाकों में हमारी बड़ी बसें नहीं जा पाती थीं, उन इलाकों की हमने स्टडी की थी. वहीं से आइडिया आया कि दिल्ली सरकार छोटी बसें लाए.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताई बसों की खूबी
बसों की खूबी बताते हुए कैलाश गहलोत ने कहा कि ये 9 मीटर लंबी बस है. दिल्ली सरकार ने 2,080 बसों का ऑर्डर दे दिया है, जिनमें से 1,040 बसें DTC की और 1,040 बसें DIMTS की हैं. मोहल्ला बस में 23 सवारी बैठकर और 13 खड़े होकर सफर कर सकती हैं. इन बसों का रूट अधिकतम 10 किलोमीटर का होगा. हालांकि जरूरत के हिसाब से छोटा या बड़ा भी किया जा सकता है. एक बार की चार्जिंग में मोहल्ला बस 120 किलोमीटर चलेंगी.
किन रुट्स पर चलेगा ट्रायल?
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि मोहल्ला बसों के ट्रायल के लिए फिलहाल दो रूट्स को चिन्हित किया गया है. ये ट्रायल एक सप्ताह तक चलेगा. ये रुट हैं :-
मजलिस पार्क से प्रधान एंक्लेव.
मयूर विहार फेज 3 से अक्षरधाम.
एक बार ट्रायल और रुट्स फाइनल हो जाने के बाद ये बसें पूरी दिल्ली में चलेंगी. कैलाश गहलोत ने कहा कि पहली बार ऐसे रुट्स बन रहे हैं. इसके लिए दिल्ली सरकार ने IIT और कुछ मोबाइल डाटा कंपनियों से बात की है, जिससे पता चल सके कि लोग किन रुट्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. जिन रूट्स पर काम चल रहा है. उनके लिए अलग से डिपो बनाए हैं.