देश में गर्मी का सीजन शुरू होते ही बाजार में लीची की आवक शुरू हो जाती है। इस बार लीची 26 मई से बाजार में आ गई है। बिहार के मुजफ्फरपुर की विश्व प्रसिद्ध लीची अन्य शहरों के बाजारों में भी एक दिन के अंतराल में पहुंच जाए, इसके लिए भारतीय रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं।
पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर डिवीजन के डीआरएम विवेक भूषण सूद का कहना है कि इस बार लीची के लिए रेलवे ने स्पेशल इंतजाम किए हैं। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक विशेष हेल्प डेस्क बनाई गई है। इसके लिए 24 घंटे कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यह कर्मचारी लीची के बागवान या व्यापारी को फल की बुकिंग में मदद करते हैं। वहीं, रेलवे के माल बाबू भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि लीची का पार्सल प्राथमिकता से ट्रेन में चढ़ाया जाए।
डीआरएम विवेक सूद का कहना है कि लीची के बागवान या व्यापारी को यदि ट्रेन में लीची चढ़ानी है, तो उसकी बुकिंग कम से कम एक दिन पहले करवानी होगी। ताकि रेलवे महकमे उसके लिए जरूरी तैयारी पहले से कर सके। लीची बुक कराने वालों को कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए रेलवे ने एक विशेष नोडल ऑफिसर को नियुक्त किया है। यह अधिकारी लीची की बुकिंग कराने वाले बागवान या व्यापारी के साथ को-ऑर्डिनेशन का काम कर रहे हैं।
रेलवे से मिली सूचना के मुताबिक, इस मौसम में अभी तक मुजफ्फरपुर से करीब 1300 क्विंटल से ज्यादा लीची की बुकिंग हो चुकी है। यह बुकिंग दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद के साथ साथ दक्षिण भारत के शहरों के लिए भी हुई है। कुछ लीची की बुकिंग लखनऊ और वाराणसी के लिए भी हुई है।
दरअसल, हर वर्ष मुजफ्फरपुर में करीब 80 हजार टन लीची का उत्पादन होता है। इसमें शाही और चाइना, दोनों वैराइटी की लीची शामिल है। यदि लीची के बाग की बात करें, तो जिले में करीब साढ़े दस हजार हेक्टेयर में लीची का बाग हैं। वहां हर साल करीब एक लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रहता है। इस समय लीची उत्पादन से करीब 25 हजार बागवान जुड़े हैं।