भोपाल : उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सोमवार को माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल में पं. रामेश्वरदास भार्गव स्मृति ई-लाइब्रेरी का शुभारंभ किया। उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं। ज्ञान अध्ययन और अनुभव से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि स्वयं की प्रगति, समाज और देश की प्रगति के लिए चिंतन आवश्यक है। पुस्तकों के अध्ययन से सोच का विकास होता है। एक विषय को कई नज़रियों से देखने की समझ विकसित होती है। अगर हम किसी भी बड़ी हस्ती की जीवनी पर नज़र डालें, तो यह पता चलता है कि पुस्तकों का अध्ययन उनकी नियमित दिनचर्या में था।उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि माधवराव सप्रे संग्रहालय द्वारा नियमित रूप से समय और मांग के आधार पर सुविधाओं को विकसित किया गया हैं।
चालीस वर्ष पहले शुरू हुए संग्रहालय में आज 1 लाख 75 हज़ार से अधिक पुस्तकें हैं। संग्रहालय में डिजिटल लाइब्रेरी भी संचालित है। ई-लाइब्रेरी से छात्रों, शोधकर्ताओं को करोड़ों पुस्तकों, समाचार पत्रों और पांडुलिपियों और अन्य अध्ययन सामग्री से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने इन सतत् प्रयासों के लिए सप्रे संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक विजय दत्त धर और प्रशासन प्रबंधन से जुड़े सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने समाजसेवियों और विभिन्न संस्थानों द्वारा समय-समय पर संग्रहालय को प्रदान किए गये सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है। लेखनी में बड़ी ताक़त होती है, साथ ही यह एक सामाजिक दायित्व भी है। अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए शासन, प्रशासन और पत्रकारिता का सामंजस्य अहम है।