Latest National News : वॉशिंगटन . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं. यह उनकी पहली स्टेट विजिट है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के न्योते पर अमेरिकी पहुंचे पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
इस दौरे पर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा न्यूयॉर्क में योग दिवस पर योग करेंगे. साथ ही वे व्हाइट हाउस में आयोजित किए गए रात्रिभोज में शामिल होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डील होंगीं.
अमेरिका दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच संबंध गहरे हैं और हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी लगातार बढ़ी है. राष्ट्रपति बाइडेन और दूसरे अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी बातचीत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और आगे लेकर जाएगी. मुझे विश्वास है कि अमेरिका की मेरी यात्रा डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और आजादी के मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी. हम वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ मजबूती से खड़े हैं.
अमेरिका और भारत के बीच इन समझौतों पर लगेगी मुहर
पीएम मोदी के इस दौरे पर भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और स्ट्रैटेजिक डीलों पर मुहर लगेगी. लेकिन डिफेंस डील सबसे अहम मानी जा रही हैं. पीएम के इस दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. इससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणामों में से एक होने की उम्मीद है.
अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को ट्रांसफर
– रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 31 MQ-9B की खरीदारी को हरी झंडी दी थी. माना जा रहा है कि पीएम मोदी प्रीडेटर ड्रोन की खरीद की 3 बिलियन डॉलर की इस डील का ऐलान कर सकते हैं.
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का फुल कवरेज यहां देखें
– अमेरिका का बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है. तालिबान और ISIS के खिलाफ अमेरिका ने इन ड्रोन्स के जरिए अचूक हमले किए. भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत थी. माना जा रहा है कि डील फाइनल होने के बाद भारतीय नेवी को 14 और सेना-वायुसेना को 8-8 ड्रोन मिलेंगे. चीन के साथ हिंद महासागर में चल रहे पावर गेम के लिहाज से ये ड्रोन भारत के लिए काफी काम के साबित होंगे. हिंद महासागर में इनकी तैनाती से इंडियन नेवी को चीनी मंसूबों को फेल करने, उनपर निगरानी रखने और बढ़-चढ़कर अपने मिशन को चलाने में मदद मिलेगी.
भारत में बनेंगे जेट इंजन
राफेल विमानों के आने से बदले एयर डिफेंस पावर के बाद अब भारत चीन का मुकाबला करने के लिए अपने लड़ाकू विमानों की तादाद तेजी से बढ़ाने की ओर कदम उठा रहा है. इस वक्त तेजस मार्क-2 के लिए नए इंजन की जरूरत थी. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में GE F414 Engine का निर्माण भारत में होने पर मुहर लग जाएगी. इससे जेट इंजन भारत में बनने लगेगा. इसके लिए अमेरिका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमत हो गया है. इस कदम से फाइटर जेट्स को लेकर भारत की निर्भरता दूसरे देशों पर कम होगी और देसी तकनीक के जरिए एयर पावर बढ़ाने की दिशा में हम आगे बढ़ पाएंगे.
स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन का साझा उत्पादन
स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन, दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां मानी जाती हैं. अपने मोबाइल गन सिस्टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस ये वाहन टैंकों को भी तबाह करने की ताकत रखता है. अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है. पीएम मोदी के इस दौरे पर इस डील पर भी मुहर लग जाएगी.
M-777 लाइट होवित्जर अपग्रेड का ऑफर
भारत के पास इस वक्त M-777 लाइट होवित्जर तोप हैं, जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक के पहाड़ी इलाकों में चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं. मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले अमेरिका ने इसे अपग्रेड कर इसकी रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. इससे इस तोप की मारक क्षमता बढ़ जाएगी.
अमेरिका के दूर तक मार करने वाले बम-मिसाइल का निर्माण
भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण अपने देश में करे. माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच इस समझौते पर भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर मुहर लग जाएगी.
INS विक्रांत के लिए 26 F-18 फाइटर जेट की बिक्री
पिछले साल भारत ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को लॉन्च किया था. इसके लिए दमदार फाइटर एयरक्राफ्ट की तलाश हो रही है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर अमेरिका के 26 F-18 सुपर हॉर्नेट की खरीदारी पर मुहर लग सकती है. इस डील से न केवल मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा बल्कि हथियार निर्यात में कदम बढ़ा रहे भारत को एक नई ताकत मिलेगी.
भारत के लिए क्यों अहम ये डिफेंस डील?
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सालों में रक्षा संबंध बेहतर हुए हैं. जानकार इसकी वजह दोनों देशों के हित मानते हैं. चीन हिंद महासागर क्षेत्र में आक्रामक रुख अपनाए हुए है. इसे लेकर अमेरिका के साथ उसका टकराव भी है. अमेरिका भारत को चीन का मजबूत प्रतिद्वंदी मानता है. दोनों देश ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर क्वाड सुरक्षा समूह का भी हिस्सा हैं, जो चीन को कड़ा संदेश देता है. साथ ही मुक्त और निष्पक्ष हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
साथ ही चीन अक्सर अमेरिका पर हिंद महासागर में बीजिंग का मुकाबला करने के लिए एक मंच के रूप में क्वाड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है. दूसरी ओर अमेरिका भारत को रूसी हथियारों से दूर करने की कोशिश कर रहा है. उधर, भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हुई झड़प के बीच अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग भी बढ़ाया है.
भारत और अमेरिका के बीच और कौन कौन सी डील होंगी?
पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर्स, साइबरस्पेस, एयरोस्पेस, रणनीतिक बुनियादी ढांचे और संचार, वाणिज्यिक अंतरिक्ष परियोजनाओं, क्वांटम कंप्यूटिंग और औद्योगिक और रक्षा क्षेत्रों में AI के इस्तेमाल समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी और समझौते होंगे. पीएम मोदी अमेरिकी कंपनियों के CEOs से भी मुलाकात करेंगे.
अमेरिका में किन-किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे पीएम मोदी?
पहला दिन: 21 जून
- – न्यूयॉर्क में UN मुख्यालय में योग कार्यक्रम में शामिल होंगे.
- – वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी बाइडेन द्वारा दिए गए रात्रिभोज में शामिल होंगे
दूसरा दिन: 22 जून
- – व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का स्वागत किया जाएगा. इस कार्यक्रम में भारतीय डायस्पोरा के सदस्यों सहित एक हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
- – पीएम मोदी और जो बाइडेन हाई-लेवल बातचीत करेंगे.
- – अमेरिकी कांग्रेस के आमंत्रण पर पीएण मोदी दोपहर के समय कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे.
- – शाम के समय जो बाइडेन और जिल बाइडेन पीएम मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. इसमें सैकड़ों मेहमान, कांग्रेस सदस्य, राजनयिक और मशहूर हस्तियां के शामिल होने की उम्मीद है.
तीसरा दिन: 23 जून
- – उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दोपहर भोज का आयोजन करेंगे.
- – पीएम मोदी दिग्गज कंपनियों के सीईओ और दूसरे प्रोफेशनल्स के साथ मीटिंग करेंगे.