युवक ने आर्य समाज मंदिर में प्रेमिका से प्रेम विवाह किया, बाद पत्नी को घर से कर दिया बेदखल, पीड़िता ने कोर्ट में दायर की याचिका
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। युवक ने आर्य समाज मंदिर में प्रेमिका से प्रेम विवाह कर लिया। इसके बाद पत्नी को घर से बेदखल कर दिया। पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को प्रति महीने दो हजार रुपये देने के निर्देश पति को दिए हैं। यह व्यवस्था हाई कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले तक के लिए किया है।
याचिकाकर्ता के पति का विवाह से पहले दूसरी युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। प्रेमिका को विवाह का झांसा देकर दूसरी युवती से सगाई कर ली और फिर शादी भी कर ली। विवाह के बाद प्रेमिका को इस बात की जानकारी मिली। पुलिस में शिकायत करने जब प्रेमिका ने दबाव बनाना शुरू किया तब जेल जाने के भय से युवक ने प्रेमिका से आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया।
प्रेम विवाह के बाद युवक उसे घर लेकर आ गया। यहां उसकी विवाहिता रह रही थी। कुछ दिन बाद दूसरी पत्नी व उसके परिवार वालों ने पीड़िता को घर से निकाल दिया। पति से अलग होने पर उसने हिंदू मैरिज एक्ट के तहत धारा 125 के तहत परिवार न्यायालय में आवेदन पेश कर पति से भरण पोषण राशि दिलाने की गुहार लगाई। याचिकाकर्ता पत्नी की याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अंतिम फैसला आने तक याचिकाकर्ता को भरण पोषण देने के निर्देश पति को दिए हैं।
परिवार न्यायालय ने पत्नी को दो हजार रुपये भरण पोषण राशि देने के निर्देश दिए हैं। खास बात ये कि परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ पति व पत्नी दोनों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर कर चुनौती दी है।
पत्नी ने भरण पोषण राशि दो हजार रुपये को कम बताते हुए प्रति महीने 15 हजार रुपये तय करने की मांग की है। याचिकाकर्ता पत्नी का कहना है कि पति ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में है। प्रति महीने 50 हजार रुपये कमाते हैं। दूसरी तरफ पति का कहना है कि वह निजी कंपनी में काम करते हैं और प्रति महीने 10 हजार रुपये मिलता है।