छत्तीसगढ

सत्ताधीश…….सायरन…..शराब भट्टी…..आम जनता त्रस्त….

*छत्तीसगढ़ उजाला बिलासपुर*

सत्ता का भी अपना अलग ही जोर होता है।सत्ता में बैठकर जिसने भी जनता की ओर देखना बंद किया।उसके दिन फिरने में भी समय नही लगता।पूर्व की सरकार मे मंत्रियों को सत्ता का नशा चढ़ गया था जनता ने उठाकर पटक दिया।पूर्व की सरकार में शराब की दुकानों से आम जनता त्रस्त हो चुकी थी। सत्ता में बैठे लोगों को जनमानस की यह समस्या समझने की फुर्सत ही नही थी।सुशासन के राज की बात कहने वाले आज सत्ता में बैठ गए पर आज इनको भी आम लोगो की समस्या नजर नही आ रही है।

 

दिया तले अंधेरा सुना था न्यायधानी में अब यह भी देख लिया।जहां नई सरकार ने भी पुराने तरीके से शराब परोसने के इंतजाम पर काम चालू कर दिया हैं।सड़को पर शराबियों के लगते हुजूम से आम जनता त्रस्त हो गयी है।शहर के रिंग रोड में शराब की भट्टी से महिलाओं की हर दिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ,वहीं प्रदेश के बड़े सख्त,कद्दावर माने जाने वाले उपमुख्यमंत्री जी का निवास भी इसी मार्ग पर है। बिलासपुर के प्रभारी मंत्री भी होते हुए इनका कभी इस समस्या की ओर ध्यान नही गया। ,उन्हें अपने निज निवास से निकलकर 500 मीटर दूर , मुख्य मार्ग गौरव पथ पर शराब भट्टी शायद दिखती नहीं या उससे होने वाली आसपास के कॉलोनी वासियों की असुविधाओं को वो देखना नहीं चाहते।आप पर बड़ी जिम्मेदारी है मंत्री जी।शहर की जनता आपसे न्याय की अपेक्षा रखी हुई है।आप सरकार के पावरफुल मंत्री है।शराब की भट्टियों से आम जनता पीड़ित है।शहर के रहवासी क्षेत्रो से इनको दूर करने की ओर देखिए।

इस शराब भट्टी के लिए चंदेला नगर के गणमान्य नागरिकों ने , गुरुघासीदास वार्ड से भाजपा के पूर्व पार्षद के साथ मौहल्ले के गणमान्य नागरिक ,भाजपा कार्यकर्ता एवम् मातृ शक्ति ने भी प्रदर्शन इसे बंद कर अन्यत्र ले जाने की बात कही हैं पर भाजपा सरकार के आने के बाद भी अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही हैं।ऐसा लगता है कि राज्य  सरकार का पूरा खर्च इसी विभाग से ही शायद आता है।इसलिए सत्ता में कोई भी रहे शराबियों के लिए हर सरकार विशेष ध्यान देती है।अब शराबियों के लिए चखना सेंटर भी व्यवस्थित होने की बात सरकार कर रही है।महिलाओं और बच्चियों के साथ कल कोई भी अप्रिय घटना घट जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

भाई व्यापार ज्यादा बड़ा हैं जन भावनाओं से और होगा भी क्योंकि इसके पीछे ही पूरे शहर की नशा फैक्ट्री (मुंबई की धरावी के सदृश) मिनी माता बस्ती में धड़ल्ले से आज भी जारी हैं चाहे कोई भी कप्तान हो चाहे कोई भी सरकार। पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी गौरव पथ पर होते हुए भी और पता होते हुए भी ऐसे नशाखोरों के लिए एक रूटीन में मिनी बस्ती में सायरन के साथ गाड़ी अंदर नहीं भेजेगी ,जहां अंदर गलियों में साईं बाबा हॉस्पिटल के पीछे बस्ती की शुरूवात से ही शहर भर के लोगों का दिन भर खुलेआम आकर इंजेक्शन, नाइट्रा टैबलेट ,गांजा आदि लेना मौहल्ले के बीच चौराहे पर बैठना और गंदी गंदी गालियों से रहवासियों के लिए भय का माहौल बनाना, जिससे कोई इनसे उलझने का प्रयास ना करे, पूरे दिन और शाम से देर रात तक 2 3 बजे तक यही लगा रहता हैं।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि सरकार बदलने से सायरन बजते हुए पेट्रोलिंग गाड़ी आती तो हैं रात बेरात नींद उचटती हैं बुजुर्गों की ,सोचते हैं चलो कोई पैडलर पकड़ाया होगा पर मालूम चला की वो तो अति विशिष्ट उपमुखमंत्री जी के लिए था , वाह री बिलासपुर पुलिस रात के सन्नाटे में सायरन का काफिले के लिए क्या काम …?? सही जगह सही समय बजाए तो जनता का भला भी और शायद कुछ राहत भी मिले….।अब मंत्री जी को सायरन सुनाकर पुलिस वाले भी अपनी सेवाभावना भी व्यक्त कर देते है।उनका तो यह काम है ही कि साहब को सायरन बजाते घर से लेकर जाना और वापस लाना।

अरे मैं तो साहब बन गया…वाला गाना आज अनायास याद आ गया……

शेष होली के बाद…..

Anil Mishra

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