प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के समय हुए शराब घोटाले की बात कही…..उस समय आप वालो को ईडी सही लगती थी…..
आम आदमी पार्टी कांग्रेस के करोड़ो के घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की मांग करती थी....आज वो ही जाँच एजेंसी गलत लगने लगी.....
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में की चर्चा राज्यसभा तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बुधवार को इसका जिक्र किया। PM मोदी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के साथ शराब घोटाला जुड़ा।उन्होंने कहा कि, यही AAP पार्टी वाले तब चीख-चीख कर कहते थे कि ED, CBI लगा दो। इस मुख्यमंत्री को जेल में डाल दो। तब इन्हें ED बहुत प्यारा लगता था। ये आज जो लोग जांच एजेंसियों को बदनाम कर रहे हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। 1 घंटा 50 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री NEET, मणिपुर संविधान, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, रोजगार, भ्रष्टाचार, CBI-ED, फेडरलिज्म, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर, इंदिरा, राहुल, दलितों पर बोले।इसी दौरान भ्रष्टाचार पर PM ने कहा कि, जिन्हें सजा मिली है, उनके साथ ये (कांग्रेस नेता) तस्वीरें निकाल रहे हैं। जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये हंगामा कर रहे हैं। यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए कि सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि, भ्रष्टाचार करे आम आदमी पार्टी (AAP), शराब घोटाला करे AAP, बच्चों के काम में घोटाला करे AAP। AAP की शिकायत करे कांग्रेस और AAP को कोर्ट में ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो गाली मोदी को। अब AAP और कांग्रेस साथी बन गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चुनाव के लिए नहीं लड़ता, ये मेरा मिशन है।आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर 9000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था.
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले पर एक साल पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को घेरा था। तब पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूपेंडी ने कहा था कि, प्रदेश में 2 हजार करोड़ का नहीं, बल्कि 9 हजार करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है। हूपेंडी ने दस्तावेजों के साथ महासमुंद जिले का उदाहरण भी दिया।इस मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने 2 जुलाई 2020 को कलेक्टर महासमुंद से शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि जिले के सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट सरकारी हॉलमार्किंग वाली शराब उत्पादक से सीधे शराब दुकानों में खाली होती है और बिना स्कैनिंग के उसे बेचा जाता है!
तीन साल तक हर महीने 400 ट्रक अवैध शराब बेची!इन दुकानों पर गैंग के कर्मचारी रहते थे। जो अवैध शराब को असली शराब के साथ बेच देते। इसका पैसा अलग से इकट्ठा करते। अवैध शराब से आया पैसा गैंग सदस्य अलग से कलेक्ट करते। इसके बाद पैसे को बड़े अधिकारियों के पास पहुंचाया जाता। गैंग में शामिल सभी सदस्यों का कमीशन फिक्स था। 2019 से 2022 तक हर महीने 400 ट्रक की अवैध शराब की सप्लाई की गई।
IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को शामिल किया गया है। ED की FIR के मुताबिक अवैध वसूली के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को IAS की नजदीकियों का पूरा फायदा मिला। CSMCL के MD के रूप में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति IAS अफसर के प्रभाव की वजह से ही हो सकी।राज्य की नौकरशाही में प्रभाव के कारण, IAS ने अनवर ढेबर और बाकी अधिकारियों के जरिए महत्वपूर्ण नियुक्तियों और सिंडिकेट को नियंत्रित किया। वहीं अनवर ढेबर वो व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे कैश कलेक्शन को नियंत्रित किया। इसके अलावा सिंडिकेट को संरक्षण देने का काम पूर्व IAS विवेक ढांढ ने किया। जिन्हें अवैध राशि का शेयर दिया जाता था।
ढेबर के करीबियों को FL10A लाइसेंसधारी, मैनपावर, कैश कलेक्शन जैसे सभी महत्वपूर्ण जगहों पर रखा गया। उनके सहयोगियों ने हजारों करोड़ रुपए का कमीशन कलेक्ट किया। ED की FIR में IAS के बेटे यश का भी नाम है।