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भूमाफियों की मनमानी का मामला आया सामने……शासकीय विभाग को आबंटित हुई जमीन में बना दिया रास्ता……राजस्व विभाग की चुप्पी समझ से परे……

भूमाफियों की मनमानी पर राजस्व विभाग मौन नजर आ रहा है।बगैर रास्ते की जमीनों को सस्ती कीमत में भूमाफिया लेकर एकडो के पैच बनाकर बड़ा खेल कर रहे है।सरकारी जमीन में बिना अनुमति के ही चौड़ी सड़क बनाकर करोड़ो के खेल का कर रहे वारा न्यारा.।राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान नई दिल्ली निपसेड की जमीन पर भूमाफियों ने अपनी जमीन तक जाने का रास्ता बना लिया।सरकारी विभाग की जमीन को दो पार्ट में करके अपने प्लाट तक जाने का चौड़ा रास्ता बना लिया।इस रास्ते की वजह से इनकी जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गयी।इतने बड़े खेल में राजस्व विभाग आंख बंद करके बैठा रहा।यह बात किसी बड़े खेल की ओर इशारा करते है।

●छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर●

राजधानी में आज भी सुशासन की सत्ता में भूमाफिया अपनी मनमानी करने पर उतारू है।जमीन के धंधे में करोड़ो के खेल की कहानी अक्सर सुनने को आती है।इस मामले में आज वो भी दिख गया।सुशासन की सत्ता में प्रशासन का डर इन भूमाफियों को शायद नही है।कुछ बड़े भूमाफिया एक टीम बनाकर 25 एकड़ का एक पैच बनाकर उसको ऊँची कीमत में बेचने की फिराक में है।यह जमीन किसानों से सस्ते दाम में खरीदकर महंगे दर पर बेचने का काम किया जा रहा है।रास्ता नही होने के कारण सस्ते में जमीन की खरीदी कर ली गई है।अब उस जमीन को महंगे दर पर बेचने की योजना भूमाफियों ने बनाई।इसके लिए महिला बाल विकास नई दिल्ली की आबंटित जमीन को दो टुकड़ों में बांटकर अवैध तरीके से कब्जा करके चौड़ा रास्ता बना लिया है।इस रास्ते के आधार पर सस्ती जमीन को करोड़ो में बेचने का खेल किया जा रहा है।इस सारे प्रकरण में राजस्व विभाग के लोगो की मिलीभगत भी उजागर होती है।

इस मामले पर भूमाफियों की मनमानी खुलकर सामने आई है।इस पर राजस्व विभाग की चुप्पी समझ से परे है।रिंग रोड में पिरदा गांव की जमीन का खेल प्रकाश में आया है।

मामले पर छत्तीसगढ़ उजाला की टीम ने पिरदा के पटवारी साहू से बात की तो उनका कहना था कि मामले की शिकायत कल ही मेरे पास एसडीएम साहब के माध्यम से आई थी जिसमे मैंने निर्माण कार्य को बंद करवा दिया है।इनके द्वारा कलेक्टर कार्यालय में जमीन के एलॉटमेंट के लिए आवेदन दिया गया ऐसी जानकारी मुझे दी गयी हैं।मुझे एसडीएम साहब ने मामले की जानकारी दी थी।हमने जब इनसे यह सवाल किया कि अब तक शासकीय जमीन पर कब्जा करने वालो पर कार्रवाही क्यो नही की तो उन्होंने कोई जवाब नही दिया इसके बाद फोन काट दिया।

इसके बाद हमने एसडीएम चौबे से इस मामले को लेकर बात की तो उनका कहना था कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नही है।मैं इस मामले की जानकारी लेकर कार्रवाही करने को बोलता हूं।हमने उनको पटवारी के बयान की बात भी बताई जिसको उन्होने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुझे कुछ भी मालूम नही है।पटवारी ने ऐसा क्यों कहा इसकी जांच भी करवाता हु।

कुल मिलाकर इस मामले में पटवारी का झूठ कहना जांच का विषय है।इस मामले से यह बात तो साफ हो गयी है कि जमीन के खेल में कई लोग संलिप्त है।मामले में अब तक कोई भी कार्रवाही न करना भी जांच का विषय है।इस पूरे मामले में पटवारी की चुप्पी कई संदेह पैदा करती है।

पिरदा के रहवासियों का कहना है कि भूमाफियों के साथ राजस्व विभाग की मिलीभगत है।कैसे कोई भी भूमाफिया सरकारी विभाग की आबंटित जमीन पर बाउंड्रीवाल को तोड़कर कब्जा करके अपनी जमीन के लिये रास्ता तैयार कर लेता है और इसकी जानकारी पिरदा के पटवारी को नही हुई।सूत्रों के अनुसार करोड़ो के खेल में कई लोग शामिल है।राजस्व विभाग जब सरकार की जमीनों को बचाने में असफल है तो आम जनता की जमीनों का क्या होगा।

इस मामले को लेकर हमने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सुनील शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोगो ने बड़ी मेहनत से भारत सरकार से इस प्रोजेक्ट को पास करवाया।ट्रेनिग सेंटर के साथ कई योजनाओं का क्रियान्वयन यहाँ पर होना है।जमीन तो हमारे विभाग के लिए ही है।मैं इस मामले की जानकारी कल ही लेकर शिकायत करवाता हु।

कुल मिलाकर अब सुशासन की सरकार में जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते है।यह देखना फिलहाल बाकी है।बड़े भूमाफियों की मनमानी खुलकर सामने आ रही है।कोई सरकारी जमीन को ही बेच रहा है।ये भूमाफिया अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जाकर अपनी मनमानी कर रहे है।इन भूमाफियो की मनमानी पर कब अंकुश लगेगा?

Anil Mishra

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