बिलासपुर

बैंक एजेंट ने पहले ट्रेन के सामने कूदकर की थी आत्महत्या, 12 पन्नों के सूइसाइड नोट को बारामत करने के बाद भी आज तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पायी बिलासपुर की स्मार्ट पुलिस

छत्तीसगढ़ उजाला

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। एक तरफ हर बड़े मामलों में मिंटो में कार्यवाही करने वाली बिलासपुर की पुलिस दो साल तक आत्महत्याओं जैसे मामले में कोताही बरतने लगी है। तोरवा क्षेत्र में रहने वाले बैंक एजेंट ने दो साल पहले ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। उनके क्रियाकर्म के बाद स्वजन को 12 पेज का सुसाइड नोट मिला। इसे पुलिस को सौंपकर स्वजन ने जांच की मांग की, साथ ही सहकारी बैंक के अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए। शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस को मामले की जांच में दो साल लगे। अब जाकर पुलिस ने धारा 306 के तहत जुर्म दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया है।
तोरवा क्षेत्र के हेमूनगर में रहने वाले सुभाष साहा लक्ष्मी नागरिक सहकारी बैंक में कमीशन एजेंट का काम करते थे। वे ग्राहकों से रुपये लेकर बैंक में जमा करते थे। बैंक एजेंट की पत्नी गायत्री साहा ने पुलिस को बताया कि उनके पति घटना के 15 दिन पहले से परेशान लग रहे थे। पत्नी ने कई बार पूछताछ की तो बैंक एजेंट बात को टाल देते थे। बैंक एजेंट ने 13 मई 2022 को लालखदान फाटक के पास ट्रेन के सामने जाकर आत्महत्या कर ली। पति के क्रियाकर्म के बाद 24 मई 2022 को उनके बैग में बैंक संबंधी दस्तावेज की खोजबीन की गई। इस दौरान 12 पेज का सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने बैंक के ग्राहकों की रकम को अधिकारियों ने समय पर जमा नहीं करने का जिक्र किया था। ग्राहकों ने जब इस संबंध में पूछताछ की तो बैंक के अधिकारियों ने एजेंट पर ही आरोप लगाया, साथ ही बैंक के अधिकारी एजेंट को प्रताड़ित करने लगे। महिला ने आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर उनके पति ने आत्महत्या की। उन्होंने सुसाइड नोट भी पुलिस को सौंप दिया। इधर पुलिस को इस मामले की जांच में दो साल लग गए। अब जाकर पुलिस ने धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया है।
बैंक एजेंट की पत्नी गायत्री साहा ने 12 पेज का सुसाइड नोट पुलिस को सौंप दिया था। इसके अलावा उनके बैग से मिले दस्तावेज भी पुलिस को दिए गए थे। इधर पुलिस मामले की जांच करने बजाए टालती रही। इसके कारण महिला अब तक परेशान है। अब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें भी बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम गायब हैं। दो साल तक चली जांच के बाद भी पुलिस को जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी नहीं मिल पाई है।

महिला ने पुलिस को बताया कि कई ग्राहक उनके घर आकर धमकी दे रहे हैं। ग्राहकों का कहना है कि उनके पति के आत्महत्या करने से उनकी रकम नहीं मिली है। ग्राहक महिला पर बैंक में रुपये जमा कराने दबाव बना रहे हैं। इसके कारण महिला व स्वजन परेशान हैं, साथ ही उन्हें जान का खतरा महसूस हो रहा है। महिला ने पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग की है।

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