चीन की सेना ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान की आजादी का मतलब सिर्फ युद्ध है और ताइवान में अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले किसी भी विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ वह सख्त कार्रवाई के लिए तैयार हैं। चीन की सेना के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीन का एकीकरण इतिहास की ऐसी घटना है, जिसे टाला नहीं जा सकता।
पीएलए की ताइवान को चेतावनी
ताइवान में बीती 20 मई को ही नए राष्ट्रपति ने पद संभाला है। नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ताइवान की आजादी के समर्थन में भाषण दिया। लाई चिंग ते के इसी भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी सेना के कर्नल वू कियान ने यह बात कही। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने पूर्व राष्ट्रपति साई इंग वेन की जगह ली है। जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव में ताइवान की आजादी की समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने जीत हासिल की थी। चीन, ताइवान को एक विद्रोही राज्य मानता है और वह चीन के साथ ताइवान के एकीकरण पर अड़ा है। वहीं ताइवान की सत्ताधारी पार्टी डीपीपी मानती है कि ताइवान एक संप्रभु राष्ट्र है। अपने भाषण में लाई ने कहा कि चीन को ताइवान को धमकाना बंद करना चाहिए। उन्होंने ताइवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति बरकरार रखने और चीन के साथ मिलकर शांति के लिए काम करने की बात कही।
ताइवान चीन के बीच बढ़ा तनाव
कर्नल वू ने लाई चिंग ते के भाषण पर कहा कि लाई का भाषण उनकी बलपूर्वक विदेशी ताकतों की मदद से ताइवान की आजादी लेने की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा कि पीएलए ऐसी किसी भी कोशिश का पूरी सख्ती से जवाब देगी। कर्नल वू ने कहा कि अलगाववादी गतिविधियों द्वारा ताइवान की आजादी की मांग करना ताइवान की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि चीन की सेना ने लाई चिंग ते के शपथ ग्रहण के बाद तीन दिनों तक ताइवान की सीमा के आसपास युद्धाभ्यास किया था।