धार। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर राजा भोज की ऐतिहासिक नगरी धार में चल रहा भोजशाला का सर्वे कार्य अब भले ही अंतिम दौर में है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम को खोदाई के दौरान जो साक्ष्य अब तक मिले हैं, वे पूरी कहानी बयां कर रहे हैं।गुरुवार (20 जून) को यहां भगवान श्रीकृष्ण की काले पाषाण की जो मूर्ति मिली है, उसे मिलाकर अब तक भोजशाला परिसर से खोदाई में 31 मूर्तियां मिल चुकी हैं। इनके अलावा सर्वे में मिले स्तंभ के सैकड़ों टुकड़े भोजशाला पर हुए विदेशी आक्रांताओं के हमले और धरोहर को नुकसान पहुंचाने की कहानी कह रहे हैं।
खोदाई में अब तक भगवान शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, गणेश, माता पार्वती, हनुमान, भैरवनाथ आदि की मूर्तियां मिल चुकी हैं। ये इस दावे को पुष्ट करती हैं कि भोजशाला सनातन संस्कृति का ऐतिहासिक स्थल रहा है। यहां मिली ज्यादातर मूर्तियां खंडित हैं, जो कहती हैं कि आक्रांताओं ने यहां भीषण हमले किए थे।इधर, शुक्रवार को भोजशाला के उत्तरी भाग में सातवें दिन खोदाई की गई। यहां दो पाषाण अवशेष मिले। ये छोटे आकार के हैं। भोजशाला को मंदिर घोषित करने के लिए याचिका लगाने वाले आशीष गोयल ने बताया कि अब तक 31 मूर्तियां मिल चुकी हैं। इनमें महिषासुर से लेकर भगवान गणेश की दो मूर्तियां, भैरवनाथ सहित मयूर पंख वाले कृष्ण, हनुमानजी, ब्रह्माजी की परिवार सहित मूर्तियां खास हैं।