*फिटनेस सर्टिफिकेट के खेल में हो रही तगड़ी वसूली…..मुख्यमंत्री जी परिवहन विभाग चिरनिद्रा में…….*
*आरटीओ अफसर की जगह निजी कम्पनी का मैनेजर कर रहा फिटनेस सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर.... इस जारी सर्टिफिकेट को अन्य राज्यो ने किया अमान्य...गाड़ी मालिको को लग रहा फटका....*
*छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर*
*फिटनेस सर्टिफिकेट के खेल में हो रही तगड़ी वसूली…..परिवहन विभाग चिरनिद्रा में…….*
*आरटीओ अफसर की जगह निजी कम्पनी का मैनेजर कर रहा फिटनेस सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर…. इस जारी सर्टिफिकेट को अन्य राज्यो ने किया अमान्य…गाड़ी मालिको को लग रहा फटका….*
छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग की अपनी अलग ही कहानी है।छत्तीसगढ़ में परिवहन का बड़ा कारोबार संचालित होता है।हजारों की संख्या में ट्रकों का आना जाना लगा रहता है।टोल नाकों में परिवहन विभाग के कारनामे भी सुनने में आते है। दुर्ग जिले में कामर्शियल वाहनों के फिटनेस के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा का खेल उजागर हुआ है यह पूरा खेल राज्य शासन द्वारा प्रमाणित दुर्गा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में चल रहा है यह कमर्शियल वाहनों के फिटनेस पेपर पर अधिकृत हस्ताक्षर की जगह सेंटर का संचालक खुद अपना ही हस्ताक्षर करके वाहन मालिकों को दे देता है। इस सर्टिफिकेट का अन्य राज्यों में मान्यता नहीं दी जाती जिस वजह से वाहन के मालिकों को भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ रहा है। दुर्ग शहर से 15 किलोमीटर दूर कचांदुर स्थित दुर्ग आटोमेटेड फिटनेस सेंटर की इस करतूत से कमर्शियल वाहन चालक परेशान है। यहां भी दलालों की पैठ है। यहां फिटनेस के नाम पर आरटीओ में लगने वाली फीस 800 रुपए की जगह एजेंट 3200 रुपए अधिक वसूल रहे है। यहां वाहन मालिकों को 4 हजार रुपए अधिक देने पड़ते हैं। इस तरह अलग-अलग वाहनों की फीस आरटीओ के मुकाबले कई गुना वसूली जा रही है।
सरकार ने फिटनेस का निजीकरण किया है। तभी से गाइडलाइन के आधार पर हस्ताक्षर करते हैं। आपको सही जानकारी हेड ऑफिस रायपुर से मिलेगी।
एसटालिन लकड़ा, आरटीओ दुर्ग
आरटीओ के अधिकारी के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है। पुरानी सरकार में प्रावधान किया था। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वे हस्ताक्षर कर रहे हैं। यह नियम में है।
डी रविशंकर, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त
छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन विभाग यह है नियम
छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने आरटीओ से फिटनेस सेंटर को अलग कर प्राइवेट सेक्टर को दे विया। पूरा सिस्टम ऑनलाइन किया। जारी आदेश में कहा गया है कि सभी कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है. जो परिवहन विभाग द्वारा स्थापित आईएंडसी सेंटर से जारी किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग का एक अधिकारी सेंटर में मौजूद रहेगा। वहीं सर्टिफाइड कर जारी करेगा।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी परिवहन विभाग की मनमानी पर कब अंकुश लग पायेगा.परिवहन विभाग की मनमानी से गाड़ी मालिक त्रस्त हो चुके है.परिवहन विभाग फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए जिन सेन्टरो को बनाया है उसके द्वारा ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली खुलेआम करते आ रहा है.सूत्रों के अनुसार इस लूटपाट में विभाग के अफसरों की भी मिलीभगत है.सुशासन वाली सरकार से ट्रांसपोर्टरों को सहयोग की अपेक्षा है.