बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। कार्य में लापरवाही और स्टाफ पर लगाम नहीं होने के कारण मेंटल हास्पिटल के डा जेपी आर्या को शासन ने अधीक्षक के पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर इसी अस्पताल में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डा प्रभु कुमार चौधरी को कमान सौंपी गई है। आदेश जारी होने के बाद डा प्रभु ने गुरुवार को पद ग्रहण कर लिया है।
सेंदरी स्थित 200 बिस्तर क्षमता वाले राज्य का एकमात्र मानसिक चिकित्सालय में लगातार अव्यवस्था सामने आ रही थीं। दरअसल यहां कार्यरत स्टाफ के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं था। सुबह 10 बजे के बजाय कर्मचारी दोपहर 12 व एक बजे अस्पताल पहुंच रहे थे। इसके अलावा मरीजों का सही तरीके से उपचार भी नहीं हो रहा था। मरीज और स्वजन डाक्टरों के इंजतार में घंटों परिसर में बैठे रहते थे। इसकी शिकायत कलेक्टर के माध्यम से राज्य शासन से की गई थी।
इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने डा जेपी आर्या को हटाने का आदेश जारी किया है। 28 फरवरी को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव मुकेश चौहान ने पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि मानसिक चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत डा प्रभु कुमार को अधीक्षक का प्रभार सौंपा जाता है। इस आदेश के बाद डा प्रभु ने अधीक्षक का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते मिले थे डाक्टर
डा जेपी आर्या के खिलाफ कलेक्टर को शिकायत मिली थी कि वे एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डा आर्या प्रैक्टिस करते मिले। इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई थी। कलेक्टर के माध्यम से कार्रवाई की फाइल शासन को भेजी गई है।
आर्थोपेडिक विशेषज्ञ हैं डा आर्या
राज्य मानसिक चिकित्सालय में मनोचिकित्सक की नियुक्ति होनी है। वर्तमान में सिर्फ दो मनोचिकित्सक कार्य कर रहे हैं। डा आर्या आर्थोपेडिक विशेषज्ञ हैं। यहां हड्डी रोग से संबंधित कोई काम भी नहीं है। इसके बाद भी उन्हें अस्पताल का अधीक्षक बना दिया गया। वर्तमान में डा आर्या के पास संयुक्त संचालक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी है।