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*प्रदेश में नक्सल उन्मूलन के मामले में एक बड़ी सफलता के सूत्रधार की भूमिका में सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय….*
●छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर●
नक्सल उन्मूलन के मामले में 100 दिनों की अल्प अवधि में एक बड़ी सफलता के सूत्रधार की भूमिका में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायपुर।छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनते ही बहुत कुछ बदलाव अब नजर आने लगा है।शांत व सहज व्यक्तिव वाले विष्णु देव साय आज अपने अद्भुत कार्यशैली से चर्चा में बने हुए हैं।छत्तीसगढ़ में काफी लंबे समय से नक्सलवाद फलता आ रहा है।बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के आधे से ज्यादा जिले आज नक्सलवाद से पीड़ित है।खासकर बस्तर के घने जंगलों में इनका अपना अलग साम्राज्य रहा है।आज इन पर लगाम लगाने की बात मोदी सरकार खुले रूप से कर रही है। यदि दृण इच्छा शक्ति व नीयत साफ हो तो कोई भी जंग जीती जा सकती है । प्रदेश का यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि देश में नक्सली गतिविधियों की सुगबुगाहट के जमाने से ही शांति का टापू कहा जाने वाला छत्तीसगढ नक्सल प्रभावित समीपवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों से घिरा हुआ है । ऐसा माना जाता है कि प्रदेश में नक्सलवाद की शुरुआत 1960 के दशक में समीपवर्ती राज्य आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे भोपालपट्टनम क्षेत्र से हुई । इससे पहले 1948 में आंध्र प्रदेश में ऐसे तत्वों की गतिविधियां दूसरे रूपों में जारी थी । तब इसे नक्सलवाद नहीं माना गया था । 1967_68 में पहली बार उनकी गतिविधियों को प्रदेश में भी नक्सलवाद के रूप में नामजद किया गया । अनुमान है कि प्रदेश में साल 2022 तक लगभग 469 नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं । जिनमें असंख्य पुलिस अधिकारी, पुलिस जवान तथा हजारों निर्दोष आदिवासी नक्सल वहशियत के शिकार हुए।मुख्यमंत्री साय बस्तर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने भी पहुँचे थे।तब भी उन्होंने साफ कहा था कि हमारे सीधे पन का गलत अर्थ मत निकालो।जवानों के परिवार से भी मुलाकात किये थे।
अगर बात की जाए तो नक्सली गतिविधियों में अब तक लगभग कई अरबो रुपए से भी अधिक की सरकारी एवं कुछ निजी संपत्तियां नष्ट की जा चुकी हैं । भिन्न भिन्न कालखंडों में प्रदेश की सत्ता पर काबिज सरकारों ने सलवा जुडूम,ग्रीन हंट, एसपीओ एवं शांति वार्ता की पेशकश जैसे माध्यमों से इस विकट समस्या को सुलझाने का अपनी तरफ से भरपूर प्रयास किया,परंतु चीनी कम्युनिस्ट माओत्से तुंग के इस कथन ने जिसमें उसने कहा था कि ” क्रांति बंदूक की नाल से निकलती है ” आग में घी का काम किया । नतीजतन नक्सल उन्मूलन के पैरोकारों, बेगुनाह जवानों तथा निरीह आदिवासियों पर तुंग का यह जुमला भारी पड़ता रहा।
शांत व सरल व्यक्तित्व के साथ ही एक कुशल व बेहतरीन मुख्यमंत्री के रूप में सामने आये विष्णुदेव साय…..
परंतु आचार्य विनोबा भावे के इस कथन से कि ” जिंदा व्यक्ति व जिंदा समाज के सामने समस्याएं हमेशा रहेगी । समस्याओं का होना ही व्यक्ति और समाज के जिंदा होने की निशानी है । इसलिए जरूरत समस्याओं से घबराने की नहीं, बल्कि उनके समाधान का रास्ता खोजने की है । समस्याओं का हल खोजते जाना ही सही मायने में पुरुषार्थ है ।” से एक नई चेतना जागृत हुई।
सत्ता में बैठते ही साय सरकार अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुचाने में लग गई।आज की स्थिति में बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ स्पेशल अभियान शुरू कर दिया गया।महज 100 दिनों की अल्प अवधि में अपनी कुशल रणनीति व अभेद्य व्यूह रचना से 37 नक्सलियों को उनके सही अंजाम तक पहुंचाने वाले प्रदेश के सहज एवं सरल व्यक्तित्व के धनी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कामयाबी को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। एक प्रकार से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों को साफ संदेश दे दिया है कि उनकी शांतिप्रियता को कायरता न समझी जाए । इस बात में कोई दो राय नही हो सकती है कि मुख्यमंत्री साय ने महज 100 दिनों की अल्प अवधि में वह कारनामा कर दिखाया,जिसे पिछली सरकारों ने अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया था,परंतु ऐसी बड़ी कामयाबी का सेहरा माथे पर सजाने में पूरी तरह कामयाब नही हो पाए ।
इस बड़ी सफलता से न केवल जान जोखिम में डालने वाले तथा आम जन जीवन की सुरक्षा में जुटे सुरक्षा बलों के जवानों का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि मुख्यमंत्री साय ने यह दिखा दिया है कि उनको कम आंकना एक बड़ी भूल साबित हो सकती है । आम जनता से किए गए अपने वायदों पर खरा उतरने की हठ ने निश्चित रूप से आलाकमान का दिल जीतने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।छत्तीसगढ़ के बेहतरीन मुख्यमंत्री के रूप में आज विष्णुदेव साय की बाते बस्तर के घोर नक्सली क्षेत्रो मे निवासरत ग्रामीण करने लगे है।अब प्रदेश के आदिवासी समाज को अपने बीच का व्यक्ति मुख्यमंत्री की कुर्सी में नजर आता है।अब मुख्यमंत्री से आदिवासी समाज सहित सभी को अपने विकास व प्रगति की उम्मीद होने लगी है।आज बस्तर के दंतेवाड़ा में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आना हुआ था।बड़ी संख्या में आम जनता की उपस्थिति भी अपने मुख्यमंत्री के ऊपर भरोसा व विश्वास व्यक्त करने को आई थी।आज छत्तीसगढ़ में आम जनता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता व नीतियों की प्रशंसा कर रही है।भाजपा को आने वाले चुनाव में अच्छी जीत दिलाने की बात मुख्यमंत्री कह रहे है।कुल मिलाकर आज यह कह सकते है कि विष्णुदेव साय हर मोर्चे पर एक सफल मुख्यमंत्री नजर आ रहे है।आगे भी नक्सलवाद को हटाने के लिए एक बड़ा फैसला लेंगे।
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