बिलासपुर

खाखी पर दाग : सटोरियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों व थाने के जिम्मेदार अफसरों की कुंडली तैयार, पकड़े गए सटोरिए संतोष बजाज से मिले सट्टा कारोबार से जुड़े कई अहम सुराग

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ उजाला)। तोरवा क्षेत्र सट्टा मामले में सटोरियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों व थाने के जिम्मेदार अफसरों की कुंडली तैयार हो रही है। जिसके बाद इन जिम्मेदारों पर पुलिस अधिकारी आवश्यक कार्रवाई करेंगे। वहीं दूसरी ओर पकड़े गए सटोरिए संतोष बजाज से सट्टा कारोबार से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस अब खाईवाल किशन सेठ (बजाज) की सरगर्मी से तलाश है, जो फिलहाल गायब है।

बिलासपुर का तोरवा क्षेत्र जुआ, सट्टा और नशे के अवैध कारोबार का केंद्र बन चुका है। जहां अपराधियों का नेटवर्क वर्षों से बेखौफ सक्रिय है। हाल ही में सिविल लाइन सीएसपी आइपीएस उमेश गुप्ता और कोतवाली सीएसपी आइपीएस पूजा कुमार की संयुक्त छापेमार कार्रवाई ने शंकर नगर इलाके में सट्टा सरगना संतोष बजाज को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पुलिस ने नगदी और सट्टा-पट्टी बरामद की लेकिन गिरफ्तारी के बावजूद बजाज ने पुलिस को खुलेआम चुनौती देते हुए दो दिन में छूटकर बाहर आने का दावा किया। हैरानी की बात यह है कि उसका दावा सच साबित हुआ और 24 घंटे में रिहा हो गया। इस घटना ने तोरवा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और क्षेत्र में सट्टे के कारोबार को संरक्षण देने वाले पुलिस अफसर-कर्मियो कुंडली तैयार हो रही है। पकड़े गए सटोरिए से मिले अहम सुरागों के आधार पर पुलिस अब खाईवाल किशन सेठ की तलाश में है। जो फिलहाल गायब है। कार्रवाई को अंजाम देने वाले पुलिस के आला अफसरों ने पूरे मामले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कर लिया है। खबर है कि जल्द ही वे पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट सौंपेंगे।

सटोरिया संतोष बजाज ने पकड़े जाने के बाद पुलिस के सिपाही पर गाली गलौज करते हुए प्रतिदिन पांच हजार रुपये देने का आरोप लगाया बल्कि आइपीएस अफसर के सामने सीना ठोंककर तोरवा पुलिस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। घटना को लेकर वीडियो वायरल होने के बाद बिलासपुर पुलिस की छवि धूमिल हुई है। पकड़े गए सटोरिए को थाने से दूसरे दिन छोड़े दिए जाने पर नागरिको में नाराजगी है।

किशन सेठ की सरगर्मी से तलाश

पुलिस को मिले इनपुट के अनुसार बुधवारी बाजार सटोरियों का मुख्य अड्डा है, जहां खाईवाल किशन सेठ का दहशत है। आधा दर्जन से अधिक सटोरी इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय है। पुलिस अब नए सिरे से क्षेत्र में जुआ, सट्टा और नशाखोरी को समाप्त करने प्लानिंग कर चुकी है। अब देखना है कि इस दावे में कितना दम है।

एक ओर जहां शहर की सभी दुकान रात 11 बजे तक बंद हो जाती है वहीं तोरवा क्षेत्र में कई दुकानें देर रात तक खुली रहती है। रेलवे स्टेशन में मुल्कराज होटल सहित आसपास रेलवे के स्टाल भी आधी शटर गिराकर समान बेचते हैं। जिस वजह से शहर के युवा आधी रात को भी खाना और नशे का समान लेने आसानी से यहां पहुंच जाते हैं।

क्या कहा पुलिस अधिकारियों ने…

सट्टा व नशे के विरुद्ध पुलिस का आपरेशन जारी है। मामले में जिनकी भी संलिप्तता पाई जाएगी उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।

उमेश कश्यप, एडिशनल एसपी

तोरवा क्षेत्र में सट्टा के कारोबार को लेकर कई सुराग मिले हैं। मुख्य रूप से किशन सेठ का नाम सामने आने के बाद वह गायब है। हम जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे। जुआ, सट्टा व नशे को पनपने नहीं देंगे। रात में दुकान खुली नहीं रख सकते।

उमेश गुप्ता (आइपीएस) सिविल लाइन, सीएसपी

सटोरिया पर नियमानुसार कार्रवाई हुई है। वहीं, रात में स्टेशन के आसपास दुकानें बंद रहती हैं। कई ट्रेनें रद हैं, कुछ देर से चल रही हैं। यात्री भूखे न रहे इसलिए कुछ दुकानों में पार्सल की सुविधा के लिए कहा है। रात 12.30 तक वे भी बंद कर देते हैं।

राहुल तिवारी, थाना प्रभारी, तोरवा

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