मकरसंक्रांति पर विषेश : विगत वर्षों की भांति साल 2024 में भी देवराजनगर में तीन दिवसीय मेले का आयोजन
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देवराजनगर/सतना (उजाला प्रतिनिधि)। मकर संक्रांति का त्योहार, सूर्य के उत्तरायन होने पर मनाया जाता है। इस पर्व की विशेष बात यह है कि यह अन्य त्योहारों की तरह अलग-अलग तारीखों पर नहीं, बल्कि हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है, जब सूर्य उत्तरायन होकर मकर रेखा से गुजरता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है। कभी-कभी यह एक दिन पहले या बाद में यानि 13 या 15 जनवरी को भी मनाया जाता है लेकिन ऐसा कम ही होता है। मकर संक्रांति का संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है, अत: इस दिन मकर संक्रांति का तेहार मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
गौरतलब है कि इस दिन सतना जिले देवराजनगर में मकरसंक्रांति का तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहां दूर दराज के लोग पहुंच कर अपनी अपनी जरूरतों के अनुरूप खरीदने के साथ-साथ नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए खिलौने व भिन्न भिन्न प्रकार से मनोरंजन का लुत्फ उठाते हैं। जिसका संरक्षण देवराजनगर ग्राम पंचायत मेला समिति व ग्रामवासियों के द्वारा किया जाता है। जिसमें सरपंच प्रतिनिधि अनीता विकास गुप्ता (सरपंच), कुंवर धर्मेंद्र प्रताप सिंह, विष्णु प्रताप सिंह, आशिमा बेगम (उपसरपंच) मेला संचालक धीरेंद्र कुमार त्रिपाठी उर्फ फूलन भैया, रुपेश सोनी, रविशंकर सोनी, शमीउल्ला खान, धनश्याम गुप्ता (डमरू), राजकुमार निगम, रवि त्रिपाठी, दिलीप कोरी ग्राम पंचायत देवराज नगर के सभी पंचगण व सभी सम्मानीय ग्रामवासियों के सहयोग से प्रति वर्ष हर्षोल्लास से मनाया जाता है।