मजाक बना स्कूल प्रवेशोत्सव, इंदौर में जेल में बंद निगम के अफसर का नाम भी बच्चों को पढ़ाने वालों की सूची में
स्कूलों में प्रवेशोत्सव के अंतिम दिन बच्चों को पढ़ाने वालों की सूची पर गौर फरमाएंगे तो इसमें शामिल नाम देखकर आप चौंक जाएंगे। केवल संख्या बढ़ाने के लिए सूची में जेल में बंद नगर निगम के अफसर अभय राठौर का नाम भी शामिल है जो करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले का आरोपित है। यही नहीं इस सूची में पूर्व निगमायुक्त हर्षिका सिंह का नाम भी लिख दिया गया जबकि उनका स्थानांतरण इस वर्ष मार्च में हो चुका है। उनके साथ ही सूची में अफसर के नाम की जगह ‘मेयर हेल्पलाइन’, ‘सिटी बस ऑफिस’, ‘वायरलेस टेलीफोन’ लिखा गया है। इनके साथ जिन स्कूलों का नाम लिखा गया है उन स्कूलों में कोई पढ़ाने पहुंचा ही नहीं।
दरअसल प्रवेशोत्सव के अंतिम दिन स्कूलों में भविष्य से भेंट कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अलग-अलग सरकारी विभागों के अफसर-कर्मचारी स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों से मिले और अपने अनुभव बांटे। इस कार्यक्रम के लिए कलेक्टर कार्यालय द्वारा 244 स्कूलों में जाने वाले अलग-अलग विभागों के अफसरों के नाम तय किए गए थे, लेकिन सूची तैयार करते समय जमकर फर्जीवाड़ा हुआ। यह सूची 19 जून को कलेक्टर आशीष सिंह के हस्ताक्षर से कलेक्टर कार्यालय से जारी की गई है। कुछ समय पहले नगर निगम में करोड़ों रुपये के बिल का फर्जीवाड़ा हुआ था, जिसमें क्लीन इंडिया मिशन के अभय राठौर को आरोपित बनाया गया और वर्तमान में जेल में वह बंद है, लेकिन सूची में उनका नाम भी लिखा गया है। सूची के अनुसार राठौर को शारदा कन्या माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाने जाना था। इसी तरह निगमायुक्त शिवम वर्मा मावि. मॉडल विलेज लालबाग स्कूल में पढ़ाने गए, जबकि सूची में निगमायुक्त वर्मा की जगह पूर्व निगमायुक्त हर्षिका सिंह का नाम लिखा है। इसी तरह एमपीआइडीसी की कार्यकारी निदेशक सपना जैन का नाम भी सूची में है। उन्हें मावि खाचरोद में पीरियड लेने जाना था, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूलों में पढ़ाने को लेकर ना ही शिक्षा विभाग से सूचना मिली है ना ही किसी अन्य विभाग से। वे बोलीं- मैं मेरे कार्यालय के कार्यों में व्यस्त हूं।
चिड़ियाघर के टेलीफोन नाम भी लिस्ट में
कलेक्टर कार्यालय से जारी सूची के क्रमांक 214 पर जू वायरलेस टेलीफोन का नाम लिखा हुआ है, जिसे उन्नत मिडिल स्कूल नैनोद पढ़ाने जाना था। क्रमांक 215 पर सिटी बस ऑफिस लिखा हुआ है और स्कूल का नाम मिडिल स्कूल भाटखेड़ी लिखा है। इस स्कूल की एचएम शालिनी शर्मा ने बताया कि हमारे स्कूल कोई भी पढ़ाने नहीं आया। सूची के अनुसार हमारे स्कूल में पढ़ाने आने वाले के नाम की जगह सिटी बस ऑफिस लिखा हुआ है। इसी तरह क्रमांक 217 पर पढ़ाने वाले के नाम की जगह मेयर हेल्पलाइन लिखा हुआ है और स्कूल उमावि बड़गोंदा लिखा था। क्रमांक 218 पर वर्कशाॅप कंट्रोल रूम का नाम है, जिसे प्रावि थाबली पढ़ाने जाना था। क्रमांक 219 में उद्यान कंट्रोल रूम का नंबर है, जिसे मावि केशरबर्डी पढ़ाने जाना था। इस स्कूल के एचएम मदनलाल ने बताया कि हम इंतजार करते रहे, लेकिन इंदौर से कोई नहीं आया।
कलेक्टर बोले, सूची स्कूल शिक्षा विभाग ने बनाई
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा- यह सूची स्कूल शिक्षा विभाग ने बनाई है। उन्होंने कोई पुराने डेटाबेस से अधिकारी-कर्मचारियों की सूची उठाई होगी। मेरे संज्ञान में भी यह बात आई है। अगले सात दिन तक यह अभियान चलेगा। ऐसे में जिन स्कूलों में कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं गए हैं, वहां पर दूसरे लोगों को पढ़ाने भेजा जाएगा।
इनका कहना है
सूची जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय से तैयार की गई थी। गलत नामों की जानकारी नहीं है।
– मंगलेश व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी