छत्तीसगढ

साय मंत्रिमंडल का बहुत जल्द हो सकता है विस्तार…. रायपुर या बस्तर से हो सकते हैं मंत्री…. सीएम सचिवालय में हो सकता है बडा बदलाव…. आयोग,मंडल व बोर्ड की सूची आने की चर्चा…..

सांय मंत्रिमंडल में दो नए मंत्री बनाए जाने की चर्चा,25 के हो सकती है घोषणा..... एक पुराने व एक नए विधायक की चर्चा जोरो पर..... निगम, मंडलों की नियुक्ति की सूची भी आ सकती है बहुत जल्द.....सीएम सचिवालय में हो सकता है बड़ा बदलाव.....

●छत्तीसगढ़ उजाला रायपुर●

●सियासत●

सांय सरकार में अब तक दो मंत्रियों की जगह खाली पड़ी हुई है।भाजपा पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच आयोग की नियुक्ति को लेकर बहुत आस बनी हुई है। अब निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है।काफी समय से भाजपा के कई नेता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अपने लिए संघर्ष करते आ रहे है।आने वाले निकाय चुनाव को लेकर भी पार्टी के अंदर बहुत सी बाते सामने आ रही है।पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि निकाय व पंचायत चुनाव में हमको बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है।पार्टी के कई नेता आयोग व बोर्ड में आने के लिए लगे है। चर्चा यह भी है कि निकाय चुनाव के पहले ही निगम-मंडलों में अध्यक्षों, सदस्यों की नियुक्त कर दी जाएगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव होगा।पार्टी इससे कई असन्तुष्ट लोगो को संतुष्ट करने के खेल में है।

इन नियुक्ति को लेकर रायपुर संभाग से ही बड़ी संख्या में दावेदार लगे हुए है। भाजपा में दो मंत्रियों के रिक्त पदों पर नए मंत्री बनाए जाने की चर्चा फिर से जोर पकड़ने लगी है।प्रदेश में अब आम जनता के बीच भी मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर काफी चर्चा बनी हुई है।सत्ता में आने के बाद भाजपा जैसी पार्टी दो मंत्रियों पर फैसला नही ले पा रही है।यह अपने आप मे अचरज वाली बात है। मंत्री पद के दावेदारों ने फिर से अपने संपर्को को खंगालने में लग गए हैं। सूत्रों के अनुसार, 25 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दो नए मंत्रियों के नामों का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा अपने केंद्रीय नेतृत्व से भी नए मंत्री को लेकर चर्चा कर चुका है। किसको बनाया जाना है, इस पर नाम तय किया जा चुका है।

सांय सरकार में एक मंत्री पद बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुआ है। उनकी जगह पर किसी सीनियर विधायक को ही मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। जबकि एक मंत्री पद पर नए विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि साय सरकार में इसी फार्मूले का मापदंड तय हुआ था।राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि भाजपा के सीनियर विधायक में किसका आना हो सकता है।वैसे सीनियर विधायक में अजय चंद्राकर को लिया जा सकता है।साथ ही बस्तर से किरण सिंहदेव के नाम की काफी चर्चा है।नए मंत्रियों के नामों को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा का दौर जोरो पर है कि एक मंत्री राजधानी रायपुर से और दूसरा बस्तर से बनाए जाने से सत्ता में बैलेंस बना रहेगा।

●सीएम सचिवालय में हो सकता है बड़ा बदलाव● पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी आई सामने,कार्यकर्ताओं की नजर में रमन सरकार को याद किया जाने लगा…..

चर्चा यह भी है कि प्रदेश की सत्ता में अफसरों के मनमानी की शिकायत दिल्ली नेतृत्व तक भी की गई है।सचिवालय में नौकरशाही मंत्रियों के आदेश को भी नही सुन रहे है।पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे अधिकारी कार्यकर्ताओ की सुनते नही है।मुख्यमंत्री से मिल पाना कठिन है।सीएम साहब से मुलाकात का समय देने वाले अधिकारी फ़ोन अटेंड नही करते है।मुख्यमंत्री जनदर्शन में पार्टी के बड़े पदाधिकारी को जाना पड़ा था।अपने काम के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या बताये पर आज तक उनका काम नही हुआ।वही दूसरी ओर शिक्षा विभाग में दो से तीन लोगों का ट्रांसफर किया जा रहा है।पार्टी के कार्यकर्ताओं की नजर में नए नवेले मंत्री हवा में उड़ने लगे है।इन से मिल पाना आसान नही है।किसी से भी फोन में बात नही कर सकते क्योंकि मुख्यमंत्री और मंत्री कभी कॉल अटेंड ही नही करते है।पूर्व की रमन सरकार में ऐसी स्थिति नही थी जैसी अभी की भाजपा सरकार में नजर आ रही है।सीनियर विधायक को मंत्री बनाने से सरकार में कार्यकर्ताओं की बात सुनने वाला व्यक्ति रहेगा।जिसको सत्ता व संगठन की समझ है।चर्चा तो यह भी है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में भी बड़ा बदलाव किया जा सकता है।मंत्रियों की भी यह साहब सुनते नही है।यह साहब मंत्रियों का भी मोबाइल अटेंड नही करते है।इनकी मनमानी से केंद्रीय नेतृत्व में भी नाराज है।नौकरशाही में भी बड़ा बदलाव किया जा सकता है।प्रदेश की सत्ता में अब आगे बहुत कुछ बदलाव नजर आ सकता है।शायद इससे निकाय चुनाव में भाजपा को फायदा हो जाये।

छत्तीसगढ़ उजाला के अगले अंक में पढ़े कोरबा डीएमएफ के खेल पर इस आईएएस की कहानी…एडवांस में कमीशन का पूरा पैसा लेकर सप्लाई का आर्डर नही दिया….अपने पैसों के लिए आईएएस से आस लगाए व्यापारी…

Anil Mishra

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