बिलासपुर

कस्टम मिलिंग के तहत एफसीआई में चावल जमा करने के लिए राइस मिलर ने मार्कफेड में फर्जी बैंक गारंटी जमा कर सरकार को 21.50 करोड़ की चपत लगाई, मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज किया

छत्तीसगढ उजाला

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। कस्टम मिलिंग के तहत एफसीआई में चावल जमा करने के लिए गौरेला के राइस मिलर फकीरचंद अग्रवाल ने मार्कफेड में फर्जी बैंक गारंटी जमा कर राज्य शासन को 21.50 करोड़ की चपत लगाई थी। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद राइस मिलर ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, पेण्ड्रारोड में अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी के साथ अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है।

राइस मिलर फीकरचंद ने अपने जमानत आवेदन में कहा है कि थाना-गौरेला के द्वारा अजमानतीय अपराध में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। उसके व्यवासायिक प्रतिद्वंद्वियों के मोबाइल फोन में इस आशय की वाट्सअप सूचना प्रसारित की जा रही है है कि उनके एवं उसके पारिवारिक सदस्यों के विरुद्ध अजमानतीय धाराओं के तहत अपराध दर्ज करा दिया गया है तथा उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। जमानत आवेदन में कहा है कि न्यायालय में पता करने से इस बात की जानकारी मिली है कि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पेण्ड्रारोड ने उन्हें जमानतीय वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने समंस जारी कर तलब किया है। कोर्ट में उपस्थित होने पर उसे जेल भेज दिये जाने की आशंका है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में गंभीर टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि अभियुक्त के विरुद्ध गंभीर प्रकृति के अपराध का अभियोग है। जमानत पर रिहा किये जाने से विचारण के दौरान साक्ष्य प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत तर्क के दौरान यह बताया गया है कि मूल बांड पत्र अभियुक्त के कब्जे में है। अतः प्रकरण की उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्त को अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।

क्या है मामला

फकीर चंद अग्रवाल ग्राम अंजनी में श्याम इंडस्ट्रीज के नाम से राइस मिल का संचलान करता है। उसके दो पुत्र गोपाल कृष्ण एवं आशीष अग्रवाल तथा तत्कालीन शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक शाखा पेण्ड्रारोड सिप्रियन टोप्पो के विरुद्ध तीन जनवरी 2023 को शिकायत की गई थी कि अभियुक्त के द्वारा जिला विपणन कार्यालय गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में 23 नग फर्जी बैंक गारंटी राशि 21.50 करोड को जमा कर फर्जी तरीके से धान उठाव कर लिया गया है। फकीर चंद्र अग्रवाल व उसके पारिवारिक सदस्य के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक शाखा पेण्ड्रारोड से जारी कुल 61 नग बैंक गारंटी कुल राशि 44 करोड़ जमा किया गया। क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय बिलासपुर के द्वारा 38 नग बैंक गारंटी कुल राशि 22.50 करोड़ की पुष्टि की गई तथा तीन फर्म की कुल 23 नग बैंक गारंटी जो भारतीय स्टेट बैंक पेण्ड्रारोड से जारी किया जाना प्रदर्शित है एवं वर्तमान खरीफ वर्ष 2022-23 में भारतीय स्टेट बैंक शाखा पेण्ड्रारोड द्वारा कुल 20 नग बैंक गारंटी रुपये 20 करोड़ जमा किया गया था। उक्त आधार पर आवेदक के विरुद्ध थाना गौरेला द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मिलर द्वारा गत खरीफ वर्ष 2021-22 एवं खरीफ वर्ष 2022-23 में कूटरचित बैंक गारंटी जमा कर धान उठाव करने का कृत्य सत्यापित होना पाया गया है। लिहाजा धान खरीदी सत्र 2022-23 में धान उठाव के लिए उक्त राइस मिलों को डीओ जारी नहीं करने तथा नियमानुसार उक्त राइस मिलों को काली सूची में दर्ज करने की जांच टीम ने अनुशंसा करते हुए कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button