विदेश

पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा विमान अपहरण और संसद हमले का मास्टरमाइंड ‘रऊफ’

पाकिस्तान के आतंकी संगठन 'जैश-ए मोहम्मद' (जेईएम) में नंबर 2 की हैसियत रखने वाला अब्दुल रऊफ अजहर खुलेआम घूम रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को कई बार यह सूचना मिली है कि रऊफ के अलावा लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन सहित कई ऐसे आतंकी, जो भारत में मोस्ट वांटेड हैं, उन्हें पाकिस्तान में सुरक्षा प्रदान की गई है। रऊफ को पाकिस्तानी सेना की हिफाजत में रावलपिंडी में देखा गया है। ये वही आतंकी है, जिस पर अमेरिका ने दिसंबर 2010 में प्रतिबंध लगा दिया था। भारत में अब्दुल रऊफ अजहर का नाम 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 का अपहरण करने में शामिल है। इसके अलावा 2001 में संसद पर हमला और 2016 में पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स के बेस को निशाना बनाने में भी रऊफ का नाम शामिल है। पिछले कई वर्षों से यह आतंकी चीन का चहेता बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ में रऊफ को वैश्विक आतंकियों की काली सूची में डालने के लिए भारत जब भी प्रस्ताव लाता है, चीन उसे रोक देता है।

इस मुद्दे को सबूतों सहित रखा जाएगा

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियों ने पाकिस्तानी सेना के सुरक्षा घेरे में 'रऊफ' की मौजूदगी नोट की है। इस मामले में कई दूसरे सबूत जुटाए जा रहे हैं। उसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ में सही अवसर पर इस मुद्दे को सबूतों सहित रखा जाएगा। केवल रऊफ अजहर ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान में मौजूद दूसरे मोस्ट वांटेड आतंकियों से जुड़े अहम सबूत भी जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया, रऊफ के ठिकाने के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है। पिछले दिनों रऊफ ने पाकिस्तान में कुछ नेताओं से मुलाकात की थी। दो साल पहले भारत ने इस आतंकी को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने के लिए यूएन में प्रस्ताव पेश किया था। चीन ने उसे पारित नहीं होने दिया। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था, लेकिन चीन ने फिर से रऊफ के खिलाफ प्रस्ताव को गिरा दिया। उस वक्त विदेश मंत्रालय के सूत्रों की तरफ से कहा गया कि चीन का 'राजनीति से प्रेरित' यह कदम आतंकवाद से लड़ने में बीजिंग के 'दोहरे बोल और दोहरे मानकों' को उजागर करता है। चीन ने दो माह में दूसरी बार यूएन में अजहर के खिलाफ वैश्विक प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया था।

संपत्ति जब्त व यात्रा पर रोक

अगर यूएन की आतंकी सूची में अब्दुल रऊफ का नाम शामिल हो जाता, तो उसकी वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध लग जाता। अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के बाद उसकी संपत्ति जब्त करने और यात्रा पर रोक लगाने की राह खुल सकती थी। चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर आखिरी क्षण में रोक लगा दी थी। पिछले साल पाकिस्तान में छिपे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों और उनके सहयोगियों के गिरने का सिलसिला शुरू हुआ था। दो-तीन सप्ताह के अंतराल पर किसी न किसी आतंकी संगठन जैसे 'जैश-ए-मोहम्मद', 'डी कंपनी', 'लश्कर-ए-तैयबा', लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी आदि समूहों के सदस्य मारे जा रहे थे। खास बात है कि मारे जाने वाले आतंकियों में भारत के टॉप मोस्ट आतंकी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी आईएसआई ने हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, अब्दुल रऊफ अजहर और लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद आदि को मजबूत सुरक्षा घेरा और बुलेटप्रूफ गाड़ियां मुहैया कराई हैं।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button