धर्म

भगवान राम की दुर्लभ मूर्ति, 19 साल में बनकर तैयार, महीने में सिर्फ एक दिन होता था निर्माण, 130 साल पुराना मंदिर

भगवान राम हमारे देश में हमेशा चर्चा में रहते हैं. इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद ये चर्चा और ज्यादा रही. एक राम मंदिर जयपुर में भी है. ये 130 साल पुराना है. यहां स्थापित भगवान राम की मूर्ति बनाने में करीब 19 साल लगे थे. ये मंदिर अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बना है.

जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है. इसकी वजह ये है कि यहां हर सड़क के चौराहे-तिराहे पर कोई न कोई प्राचीन मंदिर जरूर मिल जाएगा. इन्हीं में से एक है चांदपोल बाजार में बना भगवान श्रीराम का रामचन्द्र मंदिर. यह जयपुर का सबसे पुराना राम मंदिर है. इसकी स्थापना 1894 में हुई थी.130 साल पुराना यह मंदिर जयपुर के भव्य मंदिरों में से एक है. रात के समय इसकी सुंदरता देखने लायक होती है.

महीने में सिर्फ एक दिन बनती थी मूर्ति
चांदपोल बाजार के इस मंदिर का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह की पत्नी गुलाब कंवर ने करवाया था. इसमें पांच भव्य विशाल चौक बने हुए हैं, जो मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. इस मंदिर में विराजमान भगवान राम की प्रतिमा नक्षत्र के हिसाब से बनायी गयी है. इसे बनाने में 18 साल 9 महीने 24 दिन का समय लगा था. इसे महिने में सिर्फ एक दिन ही बनाया जाता था. इसलिए ये मूर्ति तैयार करने में 18 साल का समय लगा.

विष्णु के 24 अवतारों का चित्रण
इस मंदिर में सबसे अनूठी बात यह है कि ये अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बना है. जिस प्रकार अयोध्या में कनक बिहारी जी विराजमान हैं. उसी रूप में यहां भगवान रामचन्द्र को स्थापित किया गया है. इस मंदिर की दीवारों पर शानदार नक्काशी है. इसमें जगमोहन विष्णुजी के 24 अवतारों का चित्रण किया गया है. साथ ही नागफनी और सिंघमुख की छवि भी बनाई गयी है. पूरा मंदिर परिसर भित्ति चित्रों से सजा हुआ है, जो देखने में अद्भुत और सुंदर है. मंदिर परिसर की संगमरमर की दीवारों पर रामचरित मानस के प्रसंगों का भी चित्रण और वर्णन है.

राह चलते दर्शन
चांदपोल बाजार का यह मंदिर बीचोंबीच बना हुआ हुआ है. सड़क किनारे चलते लोग बाहर से भी सीधे भगवान रामचन्द्र के दर्शन कर सकते हैं. इस मंदिर को वर्ष 1949 में जयपुर नरेश मानसिंह ने पंडित विद्यासागर कन्हैया लाल न्यायाचार्य को सेवा के लिए दिया था. उसके बाद से ही उनके वंशज यहां भगवान रामचन्द्र की पूजा करते आ रहे हैं. वर्तमान समय में उन्हीं के वंशज नरेंद्र तिवारी यहां पुजारी हैं. इस भव्य रामचन्द्र मंदिर में हर वर्ष भगवान राम का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं.
 

News Desk

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