भोपाल । मप्र की मोहन सरकार ने शहरों में हरियाली बचाने के लिए बड़ा निर्णय किया है। अब भविष्य में भोपाल ही नहीं प्रदेश में कहीं भी हरियाली और प्राकृतिक स्रोतों को उजाडक़र किसी तरह का प्रोजेक्ट नहीं बनेगा। किसी भी बड़े प्रोजेक्ट को सरकारी मंजूरी देने से पहले पहले स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधियों के सुझाव जरूर लिए जाएंगे।
मोहन सरकार का बड़ा फैसला
यह निर्णय सरकारी और निजी दोनों तरह की परियोजनाओं पर लागू होगा। इसी के तहत राज्य सरकार ने भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर में 29 हजार पेड़ों की बलि देकर बनाए जाने वाले मंत्री, विधायक और अफसरों के आवासीय प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया है। अब भोपाल में मंत्री, विधायकों के आवासीय प्रोजेक्ट के लिए मप्र हाउसिंग बोर्ड नए सिरे से जमीन की तलाश करेगा। प्रोजेक्ट बनाने से पहले जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोगों के सुझाव जरूर लिए जाएंगे। यही व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार जल्द ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शहरों में विकास परियोजनाओं की वजह से तेजी से घट रही हरियाली को बचाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं।
विदेशों का अध्ययन करेंगे दल
दुनिया के कई देशों ने विकास कार्यों के साथ-साथ हरियाली बचाने पर जोर दिया है। इसमें एशिया के ही चीन, कोरिया, भूटान जैसे देश शामिल हैं। जरूरत पडऩे पर मप्र का दल विदेशों में जाकर हरियाली बचाकर विकाया कार्यों को पूरा करने वाली परियोजनों का अध्यक्ष करेगा।