*सियासत* *……..मुझे अपनी शरण में ले लो राम…….* *रामायण के पात्रों पर छिड़ा कांग्रेस व भाजपा का द्वंद युद्ध………*
*सियासत*
रायपुर छत्तीसगढ़ उजाला।
विवाद की कहानी सत्ता के गलियारे में अक्सर आ ही जाती है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब रामायण को लेकर बवाल मचा हुआ है।छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं को रामायण के पात्रों से जोड़कर वीडियो बनाया गया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सीएम विष्णुदेव साय को राम, पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रावण, कवासी लखमा को मारीच, ज्योत्सना महंत को ताड़का और सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है।
छत्तीसगढ़ के राजनेता एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे है।मामला पुलिस थाने तक भी आ पहुँचा है। एक सुर में कांग्रेसी सड़क में आकर बोल रहे हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है जब राजनेता एक दूसरे की तुलना विश्व प्रसिद्ध धार्मिक सीरियल रामायण के पात्रों से कर रहे है। इसको लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक खींचतान खूब मची हुई है।कांग्रेस नेताओ का कहना है कि आस्था को लेकर ऐसा करना भाजपा की आदत हो चुकी है।मामले को लेकर कांग्रेसी पुलिस थाने में एफआईआर भी कर आये है।दो ओर से बहुत तीखे सियासी तीर भी चले।इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बयान आ गया। उन्होंने यहां तक कह दिया भाजपा का यह असली चरित्र है।रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथ के मामले में भाजपा के लोग गलत काम किये है। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में भारी राजनीतिक बयानबाजी का दौर खूब चला।
CM के सलाहकार ने लिखा इसका मुख्यमंत्री की PR टीम से संबंध नहीं
वीडियो को लेकर सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने लिखा है कि इस वीडियो का मुख्यमंत्री के कथित पीआर टीम से कोई संबंध नहीं है। अगर यह विक्टिम कार्ड खेलने की साजिश नहीं है। जनता की सहज अभिव्यक्ति के रूप में इसे देखा जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि भावनाएं आहत हुई है तो आप न्यायिक उपचार का सहारा ले सकते हैं। इस सरकार का दरवाजा हर प्रार्थी के लिए खुला हुआ है।
https://x.com/INCChhattisgarh/status/1878079578478113158?t=7DVkNTqMl2kzPyQzgHVy_w&s=19
कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे का इतिहास खंगाल डाला।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम बताया गया वही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण बताया गया।साथ ही इसमे विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को शत्रुघन बताया गया।वही गृहमंत्री विजय शर्मा हो या पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव व मेयर एजाज ढेबर को भी रामायण के एक पात्र के रूप में दिखाया गया।धार्मिक ग्रंथ के चरित्रों का सहारा लेकर भाजपा ने अपनी कुंठित सोच दर्शा ही दी।कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रामायण में हमारे आराध्य श्री राम जी की तुलना मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से करके भाजपा के लोग अपने आप को भगवान बताना चाह रहे है। भाजपा के लोगो ने इस तरह से चरित्रों को बताने का काम किया है जो की पूरी तरह से गलत है।छत्तीसगढ़ के करोड़ों लोगों की भावनाएं इससे आहत हुई हैं।भगवान राम हम सभी के आराध्य है।इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने थाने में ज्ञापन भी दिया है। इस तरह कांग्रेस इस मामले के विवादास्पद स्वरूप को लेकर खुलकर सामने आई।
अब सवाल यह है कि इस मामले।में भाजपा क्या रुख अपनाती है।इतने बड़े स्तर पर आखिर यह चूक क्यो की गई और इसको करने वाला कौन है।कांग्रेस अब इस मामले में क्या रुख अख्तियार करेगी यह देखना होगा। निकाय चुनाव सिर पर हैं और छत्तीसगढ़ में मौजूदा दौर में जो राजनीति चल रही है, वह सीधे तौर पर धार्मिक आस्था की प्रभुता से प्रभावित है।कांग्रेस साय सरकार की लचर व्यवस्था को लेकर अकसर हो हल्ला करते भी आ रही है।जनता सरकार से यही उम्मीद करेगी कि सरकार आगे आकर जनता के हितों पर भी ध्यान दे।इससे छत्तीसगढ़ का कल्याण होगा और छत्तीसगढ़ का कल्याण होगा तो छत्तीसगढ़ की राजनीति का भी कल्याण होगा।अब नेताओ को एक दुसरे को निपटाने के लिए मुद्दों की तलाश रहती है जो गाहे बगाहे भाजपा ने भी कांग्रेस को दे दिया।