बिना नर्सिंग होम एक्ट लाइसेंस के जिले में एक के बाद एक पैथोलाजी सेंटर खुलते जा रहे हैं, अवैध पैथोलेब के साथ कलेक्शन सेंटर होंगे सील
छत्तीसगढ़ उजाला
बिलासपुर (छत्तीसगढ़ उजाला)। जिले में बिना नर्सिंग होम एक्ट लाइसेंस लिए दर्जनों अवैध पैथोलेब सेंटर के साथ ही कलेक्शन सेंटर संचालित होने की शिकायत स्वास्थ्य विभाग को मिल रही है। एक तरह से बिना चिकित्सक व अप्रशिक्षित कर्मी पैथोलेब की आड़ में विभिन्न जांच के नाम पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। इसे अब गंभीरता से लिया गया है और इसी को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी ब्लाक स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ऐसे अवैध पैथोलाजी और कलेक्शन सेंटर का पता लगाएं और छापामार कार्रवाई करते हुए इन्हें सील करें।
जिले में एक के बाद एक पैथोलाजी सेंटर खुलते जा रहे हैं और इसके आड़ में जगह-जगह कलेक्शन सेंटर भी खोले जा रहे हैं। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक को नहीं है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अवैध सेंटरों का संचालन हो रहा है, जो जांच के लिए रक्त के नमूने ले रहे हैं और उसके बाद जांच रिपोर्ट दे रहे हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह से संदेह के दायरे में रहता है, क्योंकि इन सेंटरों में न तो डाक्टर का कुछ पता रहता है और न ही प्रशिक्षित कर्मी होते हैं। यह भी आशंका रहती है कि नमूने की जांच हुई है भी की नहीं। कहीं गलत रिपोर्ट जारी कर मरीज की जीवन से खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है। वहीं अब ऐसे आशंकाओं को दूर करने सेंटरों पर तालाबंदी का निर्णय स्वास्थ्य विभाग ने लिया है। सीएमएचओ डाक्टर प्रदीप श्रीवास्तव ने इसके लिए मस्तूरी, कोटा, बिल्हा और तखतपुर के बीएमओ को निर्देश दिया है कि तत्काल ऐसे सेंटरों का पता लगाएं और उन्हें सील करे। साफ है कि आने वाले दिनों अवैध पैथोलेब पर लगाम लगेगा।
सीएमएचओ डा़ प्रदीप श्रीवास्तव ने यह भी निर्देश दिया है कि झोलाछाप फिर से सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में इनकी भी कुंडली तैयार होगी। मालूम हो कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में झोलाछाप सक्रिय हैं, जो खूलेतौर पर उपचार के नाम पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है। वहीं अब निर्देश के बाद झोलाछापों के खिलाफ भी कार्रवाई होना तय हो गया है।